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 Master Circular No. 1 (New)  

 Scout Activities on the Indian Railways (Hindi)

- Updated on 08.05.2019

 

मास्टर परिपत्र सं.1 (अद्यतन)

 

भारतसरकार/GOVERNMENT OF INDIA

रेलमंत्रालय/MINISTRY OF RAILWAYS

रेलवेबोर्ड/RAILWAY BOARD

 

नई दिल्ली,                                                                                                                                         दिनांक: 08.05.2019

सभी क्षेत्रीय रेलें और उत्पादन इकाइयां

 

विषयः भारतीय रेलों पर स्काउट गतिविधियां मास्टर परिपत्र।

भारतीय रेर्तों पर स्काउट गतिविधियों संबंधी नीति के बारे में दिनांक 20.08.1990 के मास्टर परिपत्र सं. 1/90 के अनुसार अनुदेश संशोधित किए गए हैं और कई नए आदेश जारी किए गए हैं। इस मास्टर परिपत्र को अद्यतन करने के मुद्दे पर रेल मंत्रालय में विचार किया गया और अब अ‌द्यतन मास्टर परिपत्र जारी करने का विनिश्चय किया गया है।

 

2.  सबसे पहले यह उल्लेखनीय है कि स्काउट एवं गाइड विश्वव्यापी आंदोलन है और इसका उद्देश्य है इस संगठन में शामिल होने वाले व्यक्तियों का चरित्र निर्माण करना और उनके मन में अनुशासन की भावना बिठाना। वस्तुतः जन सेवा से जुडे कर्मचारियों से इस प्रकार के गुणों की अपेक्षा की जाती है परंतु लोक सेवकों और जनसाधारण में इसका आजकल बहुत ही अभाव है। रेलवे के अधिकांश कर्मचारियों का जनसाधारण से संपर्क होता है। उपयोगकर्ताओं के साथ उनके विनम्रतापूर्वक और विवेकपूर्ण ढंग से व्यवहार करने से रेलवे की छवि निर्मित करने में अत्यधिक महत्वपूर्ण होगा। इस प्रकार, जो स्काउट गतिविधियों से जुड़े हुए हैं उनके अपने दैनिक कर्तव्यों के निर्वहन में रेलकर्मियों के रूप में अधिक प्रभावशाली सिद्ध होने की संभावना है।

 

3. भारतीय रेलों पर स्कॉउट्स तथा गाइड्स गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड) ने निम्नलिखित रियायतें / सुविधाएं प्रदान की हैः-

अवकाशः

(क) प्रशिक्षुओं तथा प्रशिक्षणार्थियों सहित उन सभी रेलवे कर्मचारियों को जो प्रशिक्षण कैंपों या रैलियों में शामिल होने के लिए बालक स्कॉउट्स या रोवर स्कॉउट्स हों या जब वे देश में या भारत से बाहर अपने स्कॉउटिंग प्राधिकारियों, आदि के अनुदेशों के तहत काम कर रहे हों, एक कैलेंडर वर्ष में 30 दिन की निर्धारित सीमा तक विशेष आकस्मिक अवकाश प्रदान करना। (23.11.40 का सं.5926 एफ, 22.11.57 का ई (डब्ल्यू) 57 डब्ल्यूई 6-30 तथा 23.5.58 का ई (डब्ल्यू) 58 डब्ल्यूई 6-6)

(ख) उन लीडर प्रशिक्षणार्थियों/सहायक लीडर प्रशिक्षणार्थियों के संबंध में, जिनकी सेवाओं का उपयोग स्काउटों/गाइडों को प्रशिक्षण देने में किया जाता है, को एक कैलेंडर वर्ष में 45 दिन का विशेष आकस्मिक अवकाश प्रदान किया जा सकता है। यदि किसी कैलेंडर वर्ष में 45 दिन की इस अधिकतम सीमा से अधिक छुट्टियों की आवश्यकता हो तो इसे रेलवे बोर्ड को भेजा जाए। (4.12.86 का सं. ई (डब्ल्यू) 86 डब्ल्यूई 6-3)

(ग) स्काउटिंग कार्यों के लिए प्रदान की गयी विशेष आकस्मिक छुट्टी के दौरान आई चोटों के कारण जिससे उन्हें अस्पताल में रहने की आवश्यकता हो, रेलवे कर्मचारी की अनुपस्थिति की अवधि भी क्रमशः ऊपर (क) तथा (ख) के अनुसार किसी कैलेंडर वर्ष में 30 दिन 45 दिन, जैसी भी स्थिति हो, की समग्र सीमा में विशेष आकस्मिक अवकाश के रूप में विनियमित की जाएगी। (12.8.83 का सं. ई (डब्ल्यू) 83 एसपी 1-4)

(घ) स्काउटिंग ड्यूटियों के संबंध में विशेष आकस्मिक अवकाश को आकस्मिक अवकाश या अभिलिखित अवकाश के साथ मिलाने की अनुमति है परन्तु जब नियमित अवकाश विशेष आकस्मिक अवकाश के साथ स्वीकृत किया जाता है तो आकस्मिक अवकाश को साथ नहीं मिलाया जा सकता। (5.1.83 का सं.ई (डब्ल्यू) 80 डब्ल्यूई 6-2)

पास -

(क) स्कॉउटों/गाइडों को स्काउटिंग ड्यूटी पर रेल द्वारा उनकी यात्रा के लिए मुफ्त विशेष पास जारी के जाते हैं।

(सं.5926-एफ दि. 23.11.40 और ई (डब्ल्यू) 57 डब्ल्यूई 6-30 दि.22.11.57)

(ख) रेलवे कर्मचारियों के परिवार के सदाशयी सदस्यों को, जो राज्य एसोसिएशन के पदधारी के रूप में नियुक्त हाँ तथा उनको भी जो स्वयं की रोवर्स, रेंजर्स, कब्स, बुलबुल, स्कॉउट्स तथा गाइडों के रूप में मनोनीत कराते हैं, विशेष पास जारी किए जाते हैं। ये पास प्रशिक्षण कैंपों या रैलियों में आग लेने के लिए अथवा स्काउटिंग की अन्य गतिविधियों में भाग लेते हो तब जारी किए जाएंगे। अन्य रेलों द्वारा सेवित स्थलों पर कैंप, रैलियां आदि आयोजित किए जाने पर ये पास होम रेलवे के अलावा अन्य रेलवे पर भी जारी किए जाते हैं।

(ई (डब्ल्यू) 57 डब्ल्यूई 6-13 दि. 14.12.57)

(ग) जारी किए गए पास उसी दर्जे के होने चाहिए जिस दर्जे के लिए संबंधित कर्मचारी सामान्यत. हकदार हो।

(ई (डब्ल्यू) 57 डब्ल्यूई 6-13 दि. 14.12.57)

(घ) स्कॉउट्स तथा गाइड्स कमीश्नरों को जब स्काउटिंग ड्यूटी से यात्रा करनी पड़े तो वे पहले दर्जे के पास की रियायत के हकदार होंगे चाहे उनकी अपनी व्यक्तिगत क्षमता में उनकी पात्रता किसी भी दर्जे की हो। सभी रेलवे राज्यों के एसओसी और एसटीसी को संबंधित महाप्रबंधक के वैयक्तिक अनुमोदन से रेल सेवक (पास) नियमावली 1986 में निर्धारित नियमों एवं शर्तों को पूरा करने के अध्यधीन ड्यूटी कार्ड पास की अनुमति दी जाए।

(सं.ई (डब्ल्यू) 65 डब्ल्यूई 6-23 दि.26.04.66 और ई (डब्ल्यू) 2016/आरएसजीबी/8 दि.6.1.17)

(ड.) नीचे दी गई शर्तें पूरी करने पर रेलों को मुख्य कार्मिक अधिकारी तथा रेलवे राज्य मुख्य आयुक्त की सिफारिश पर स्काउट्स तथा गाइड के लिए उनके निवास स्थान के निकटतम स्टेशन से प्रशिक्षण कैंप के निकटतम स्टेशन तक तथा वापसी के लिए सेवानिवृत्त रेलवे कर्मचारियों को प्रतिवर्ष पहले दर्जे के अधिक से अधिक तीन सैट मानार्थ चैक पास जारी करने के अधिकार हैं:-

(i) वह रेलवे स्कॉउटिंग संगठन का/की पदधारी रहा/रही हो या प्रशिक्षण कैंप आयोजित करने या प्रशिक्षण आदि देने में रेल प्रशासन की सहायता करते हुए कम-से-कम पांच वर्ष तक की अवधि तक एक सक्रिय कार्यकर्ता रहा/रही हो;

(ii) वह कम-से-कम प्रेसिडेंट स्कॉउट/गाइड या हिमालयी वुड बैजधारी हो; और

(iii) रेल राज्य मुख्य आयुक्त द्वारा इस आशय का एक प्रमाण-पत्र दिया जाता है कि संबंधित सेवानिवृत्त रेल कर्मचारी की उपस्थिति बिल्कुल अनिवार्य है तथा रेल कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने के लिए उसकी अर्हता या/योग्यता का कोई उपयुक्त व्यक्ति उपलब्ध नहीं है।

नोटः इन शक्तियों का प्रयोग केवल महाप्रबंधक अपर महाप्रबंधकों द्वारा ही किया जाना है तथा इनका पुनः प्रत्यायोजन नहीं किया जाना है। (22.01.85 का ई (डब्ल्यू) 84 पीएस 5-81/1)

स्काउटिंग ड्यूटी पर रेलवे कर्मचारियों को यात्रा भत्ता दैनिक भत्ताः

(क) स्कॉउंटों/गाइडी/व्यस्क लीडरों/कमिश्नरों/रोवरों/रेंजरों को नीचे दिए गए कार्यों के लिए एक कैलेंडर वर्ष में अधिक-से-अधिक 15 दिन का यात्रा भत्ता/दैनिक भत्ता कर्मचारियों के वेतन के अनुरूप दरों पर दौरे की तरह ही मिलेगाः

(ख) राज्य जिला स्कॉउट एसोसिएशनों द्वारा आयोजित प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में भाग लेने या बच्चों, स्कॉउंटों/गाइडो/रोवरी/रेंजरों को प्रशिक्षण देने के लिए प्रतिनियुक्त किए जाने पर।

(ग) मेलों, उत्सवों, दुर्घटनाओं, प्राकृतिक आपदाओं यथा बाढ़, भूकंपों, दरारों आदि के दौरान रेलों के प्रयासों के संवर्धन में रेलवे प्रशासन की सहायता करने के लिए प्रतिनियुक्त किए जाने पर।

(घ) राज्य/राष्ट्रीय निकाय की बैठकों में भाग लेने के लिए प्रतिनियुक्त स्काउट्स/गाइड कर्मी।

(ङ्) उन रेलवे कर्मचारियों को जिन्हें राज्य अथवा राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण देने या स्काउट/गाइड के ड़े आयोजनों यथा रैलियों, जम्बूरियों, सम्मेलन आदि आयोजित करने के लिए प्रतिनियुक्त किया जाता है।

नोट:-

(i) यात्रा भत्ते दैनिक भल्ले का खर्च राजस्व से पूरा किया जाना है।

ii) 15 दिन के यात्रा भत्ते दैनिक भत्ते की स्वीकृति विशेष आकस्मिक अवकाश के 30 दिन 45 दिन की (अधिकतम सीमा में दी जानी चाहिए।

(27.9.82, 7.5.83 का सं.ई (डब्ल्यू) 84 डब्ल्यूई 6-1 तथा 16.10.84 का ई (डब्ल्यू) 84 डब्ल्यू ई 6-7)

भर्ती:

भर्ती के लिए वार्षिक कोटा निम्नानुसार है:

ग्रेड पे 1900 रु. -    प्रति वर्ष प्रति रेलवे 2 प्रति वर्ष प्रति उत्पादन इकाई 1

ग्रेड पे 1800 रु.  -       प्रति वर्ष प्रति मंडल/उत्पादन इकाई 2

नोट: उत्तर रेलवे ग्रेड पे 1900 रु. में प्रति वर्ष 1 अतिरिक्त भर्ती करेगी और ग्रेड पे 1800 रु. में प्रति वर्ष 2 अतिरिक्त भर्ती करेगी, जिन्हें आरडीएसओ में तैनात किया जाएगा और किसी अन्य काम में नहीं लगाया जाएगा। (21.9.15 का सं.ई (एनजी) II/2015/आरआर-2/1)

4. स्काउट कार्यों के लिए कर्मचारी हित निधि से प्रति व्यक्ति वार्षिक अंशदान 22/- रु. है। रेलवे स्कूलों में स्काउट संबंधी कार्यकलापों का खर्च भी संबंधित रेलों के कर्मचारी हित निधि के अंशदान में से पूरा किया जाना चाहिए। स्काउट संबंधी कार्यकलापों को बढ़ावा देने के लिए धन का आबंटन रेल मंत्रालय द्वारा रेलवे स्काउट एवं गाइड बोर्ड जैसे शीर्षस्थ निकाय के परामर्श से किया जाएगा।

(27.7.65 का सं.ई (डब्ल्यू) 64-डब्ल्यूई 6/22, 14.5.87 का ई (डब्ल्यू) 86 एफयू 1/1, 28.1.84 का ई (डब्ल्यू) 82 डब्ल्यूई 6-2 और 30.07.14 का ई (डब्ल्यू) 2014 एफयू-1/1)

5. इस बात को ध्यान में रखते हुए कि भारत स्काउट्स तथा गाइडों के कार्यकलाप बिल्कुल गैर- वाणिज्यिक स्वरूप के हैं, स्काउट्स तथा गाइड आंदोलन को संगठित करने तथा उसको प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है, इसलिए रेलवे बोर्ड ने भारत स्कॉउट्स तथा गाइड संगठन को लाइसेंस पर दिए गए भवन/संरचना के संबंध में 20/- रु. प्रति वर्ष का नाममात्र लाइसेंस शुल्क वसूल करने का विनिश्चय किया है।

(18.12.89 का सं.88 एलएम (बी)/38/स्कॉउट्स)

6. रेल मंत्रालय ने यह भी विनिश्चय किया है कि जब कोई रेलवे कर्मचारी स्काउटिंग के क्षेत्र में कोई अर्हता प्राप्त कर लेता है तो उसकी सेवा रिकार्ड में उपयुक्त प्रविष्टि की जाए। (12.5.89 का सं.ई (एनजी) 1-88 सीआर/4)

7. रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड) ने रेलवे स्काउट्स एवं गाइड बोर्ड नामक एक शीर्षस्थ निकाय की स्थापना की है, जिसमें निम्नलिखित अधिकारी हैं.

संरक्षक               सदस्य (कार्मिक), रेलवेबोर्ड

अध्यक्ष               कार्यपालकनिदेशक, स्थापना (आईआर), रेलवेबोर्ड

कोषाध्यक्ष          कार्यपालक निदेशक, वित्त (स्थापना), रेलवे बोर्ड

सचिव :                     निदेशक, स्थापना (कल्याण), रेलवे बोर्ड

संपर्क अधिकारी :        उप निदेशक स्थापना (कल्याण), रेलवे बोर्ड

 

नोटः शीर्षस्थ निकाय के अध्यक्ष शीर्षस्थ निकाय, जिसे रेलवे स्काउट्स एवं गाइड बोर्ड की प्रबंधक समिति के रूप में भी जाना जाता है, की बैठक में भाग लेने के लिए विशेष अतिथि के रूप में सामान्य परिषद (जिसमें शीर्षस्थ निकाय और रेल राज्य मुख्य आयुक्त स्काउट्स एवं गाइड शामिल हैं) द्वारा नामित रेल राज्य मुख्य आयुक्त स्काउट्स एवं गाइड को आमंत्रित करेंगे।

 

8. शीर्षस्थ निकाय के उद्देश्यः

i) भारतीय रेलों में स्काउटिंग गतिविधियों की प्रगति की सामान्य समीक्षा करना;

(ii) स्काउटिंग संगठनों से संगठनात्मक पहलुओं, सेवा और प्रशिक्षण की आवधिक रिपोर्ट मांगना; और

(iii) इस बात पर नज़र रखना कि कर्मचारी हित निधि का सही ढंग से और उद्देश्यपूर्ण उपयोग हो रहा है।

 

9. सामान्यः

(i) स्काउट्स एवं गाइड को प्रशिक्षण प्रदान करने/प्रौढ़ साक्षरता, स्वच्छता, नागरिक भावना आदि जिसमें स्थानीय आबादी के लाभ के लिए मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित करना शामिल हैं, के लिए अपने कार्यस्थल के समीप एक गांव को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

(दिनांक 07.05.86 का सं. ई (डब्ल्यू) 86 डब्ल्यूई6-8)

 

(ii) उन रेलवे वि‌द्यालयों के बच्चों, जो एनसीसी/एनएसएस आदि के सदस्य नहीं हैं, के लिए स्काउट एवं गाइड संबंधी कार्यों को अनिवार्य बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए।

(दिनांक 17.05.2015 का सं.ई (डब्ल्यू) 2015/आरएसजीबी/8)

 

(iii) रेल स्टाफ कॉलेजों, क्षेत्रीय प्रशिक्षण विद्यालयों और अन्य सभी प्रशिक्षण संस्थानों में "कर्मचारी कल्याण पर व्याख्यान देते समय रेल स्काउट संगठनों की गतिविधियों का विशिष्ट रूप से उल्लेख किया जाना चाहिए ताकि ऐसी गतिविधियों में रुचि लेने के लिए कर्मचारियों को प्रेरित किया जा सके।

(दिनांक 16.05.88 तथा 09.09.88 का सं. ई (डब्ल्यू) 88 डब्ल्यूई 6-5)

 

(iv) रेलों को रेल कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के पश्चात् उनके बच्चों (स्कॉउट/गाइड्स) को विपंजीकृत नहीं करना चाहिए और ऐसे बच्चों को क्षेत्रीय रेलों तथा उत्पादन इकाइयों की संबंधित रेलवे स्काउट एवं गाइड एसोसिएशनों के सदस्य के रूप में बने रहने की अनुमति दी जानी चाहिए। बहरहाल, एक स्काउट/गाइड की सदस्यता का निष्कासन भारत स्काउट एवं गाइड द्वारा निर्धारित नियमों द्वारा शासित किया जाएगा।

(दिनांक 30.01.2001 का सं.ई (डब्ल्यू) 97/डब्ल्यूई-6/11 और दिनांक 21.11.2012 का सं. ई (डब्ल्यू) 2012/ डब्ल्यूई6/15)

 

(v) स्काउट/गाइड्स गतिविधियों से जुड़े हुए कर्मचारियों को क्षेत्रीय रेलों के स्काउट एवं गाइड्स एसोसिएशन द्वारा आवश्यकता पड़ने पर, निश्चित रूप से रेलवे परिचालनों को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किए बिना कार्यमुक्त किया जाना चाहिए। यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि स्काउट एवं गाइड के कोटे के तहत नियुक्त ऐसे कर्मचारियों की सेवाओं को इस कोटे के तहत की गई भर्ती के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए उपयोग किया जाए।

(दिनांक 23.01.2008 का सं. ई (डब्ल्यू) 2007/डब्ल्यूई-6/12)

 

(vi) स्काउटिंग एक स्वैच्छिक गतिविधि है और इसलिए स्काउटिंग/गाइडिंग गतिविधि में बने रहने के लिए रेल कर्मचारी के विवाहिल पुत्र (पुत्री) अथवा पुत्री (पुत्रियों) को अनुमति प्रदान करने में कोई आपत्ति नहीं की जानी चाहिए।

(दिनांक 23/27.12.2013 का सं. ई (डब्ल्यू) 2012/डब्ल्यूई 6/15)

 

(vii) अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित सभी स्काउटिंग कार्यक्रमों, जैसे भारतीय रेल कब बुलबुल उत्सव, भारतीय रेल रोवर रेंजर समागम, भारतीय रेल के सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि को भारतीय रेलवे उत्सव के समान समझा जाना चाहिए।

(दिनांक 15.07.2015 का सं.ई (डब्ल्यू) 2015/आरएसजीबी/8)

 

(viii) नव सृजित सात रेलवे जोनों अर्थात् पूर्व मध्य रेलवे, पूर्व तट रेलवे, उत्तर मध्य रेलवे, उत्तर पश्चिम रेलवे, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, दक्षिण पश्चिम रेलवे और पश्चिम मध्य रेलवे को अब भारत स्काउट एवं गाइड के अधिकार के रूप में मान्यता प्रदान की गई है।

(दिनांक 16.07.2015 का पत्र सं. ई (डब्ल्यू) 2008/डब्ल्यूई-6/18)

 

(ix) सेवानिवृत्त रेल कर्मचारियों को स्वेच्छा से स्काउट एवं गाइड गतिविधियों का आयोजन करने की अनुमति दी जाए। बहरहाल, किसी भी सेवानिवृत्त रेल कर्मचारी को राज्य/जिला स्तर पर किसी पद पर बने रहने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उसे कोई भी रेल सुविधा, जिसमें मानदेय आदि अथवा रेल पास शामिल हैं, सक्षम प्राधिकारी द्वारा स्पष्टतया अनुमेय न किए जाने तक, नहीं दी जानी चाहिए। ऐसी कोई सुविधा किसी रेल कर्मचारी को अनुमेय हो तो तत्काल प्रभाव से वापस ले ली जानी चाहिए।

(दिनांक 17.07.2015 का पत्र सं. ई (डब्ल्यू) 2015/आरएसजीबी/8)

 

(x) स्काउटिंग कैम्प में भाग लेने वालों के लिए भोजन अनुदान प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 60/- रुपए से बढ़ाकर प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 75/- रुपए कर दिया गया था। इसके बाद भोजन अनुदान प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 75/- रुपए की सीमा को हटाने का विनिश्चय किया गया है। अब से प्रत्येक क्षेत्रीय रेल द्वारा उनकी संबधित राज्य परिषद बैठक में स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार भोजन अनुदान की राशि का निर्णय लिया जाना चाहिए। प्रत्येक क्षेत्रीय रेल द्वारा उपर्युक्त व्यय का वहन स्काउटिंग गतिविधियों के लिए उन्हें संवितरित कर्मचारी लाभ निधि से किया जाएगा।

(दिनांक 06.01.2017 का पत्र सं. ई (डब्ल्यू) 2016/आरएसजीबी/8)

 

(xi) मानव संसाधन विकास मंत्रालय (माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा विभाग) और कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय (कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग) के परामर्श से यह विनिश्चय किया गया है कि रेल विद्यालय में कार्यरत रेल कर्मचारी, सक्षम प्राधिकारी के आदेशों के अनुसारस्काउट एवं गाइड गतिविधियों के लिए छुट्टी अथवा उसका एक भाग न लिए जाने / पूर्वनिश्चित के संबंध में भारतीय रेल स्थापना संहिता वॉल.। पांचवां संस्करण-1985 (द्वितीय पुनर्मुद्रित संस्करण-2003) के नियम 525 (3) के प्रावधानों के अंतर्गत और अध्यधीन औसत वेतन अवकाश लेने के लिए पात्र होंगे।

(दिनांक 04.10.2006 का पत्र सं. ई (डब्ल्यू) 2001/डब्ल्यूई-6/14)

 

10. उपर्युक्त अनुसार रूपरेखा का उल्लेख करते समय सही बोध के लिए संदर्भित मूल पर्ची को पढ़ा जाए। मास्टर परिपत्रों में दी गयी रूपरेखा मूल परिपत्र की कुंजी के रूप में ही प्रोद्भूत होनी चाहिए, विकल्प के रूप में नहीं। किसी प्रकार के संदेह की स्थिति में, मास्टर परिपत्रों में संदर्भित मूल परिपत्र (परिपत्रों) को प्राधिकार के रूप में माना जाएगा।

 

11. यह ध्यान रहे कि विभिन्न परिपत्रों के अंतर्गत जारी आदेश/अनुदेश संगत मूल पत्र (पत्रों) के जारी होने की तारीख से भविष्य में प्रभावी रूप से ही लागू होंगे बशर्ते कि संबंधित पत्र में अन्यथा विशिष्ट रूप से उल्लेख न किया गया हो। अतः पुराने मामलों पर कार्रवाई करने के लिए, संगत समय पर प्रचलित अनुदेशों का हवाला देना होगा।

 

12 यद्यपि इस विषय में सभी संगत परिपत्रों को शामिल करते के सभी प्रयास किए गए है फिर भी यदि कोई परिपत्र, जिसका अधिक्रमण न हुआ हो, छूट गया हो, उस परिपत्र की, जो अनजाने में छूट गया हो, संगतता बरकरार रहेगी। ऐसा परिपत्र, जिसकी भी जानकारी में आए कृपया उसकी सूचना रेलवे बोर्ड को दें, ताकि पूरक परिपत्र जारी करने के लिए उपयुक्त कार्रवाई की जा सके।

 

कृपया पावती दें।

 

(डी.वी. राव)

निदेशक स्थापना (कल्याण) रेलवे बोर्ड



यह समेकन निम्नलिखित पर्ची से किया गया है.

 

दिनांक 12.05.89 का सं. ई(एनजी) /88/सीआर/4

दिनांक 18.12.89 का नं. 88/एलएम (बी) /3/38/ स्काउट

दिनांक 10.06.92 का सं. ईडब्ल्यू 90/डब्ल्यूई/6/6

दिनांक 04.05.2000 का सं.ई (एनजी)।।/99/आरआर 2/2

दिनांक 4.09.2001 का सं.ई (डब्ल्यू) 2000-डब्ल्यूई 6/5

दि. 06.01.2017 का सं.ई (डब्ल्यू) 2016-आरएसजीबी/8

दि. 21.09.2015 का सं.ई (एनजी) 11/2015/आरआर-2/1

दिनांक 30.07.2014 का सं. ई (डब्ल्यू) 2014/एफयू-1/1

दि. 17.07.2015 का सं. ई (डब्ल्यू) 2015/आरएसजीबी/8

दिनांक 30.01.2001 का सं. ई (डब्ल्यू) 97-डब्ल्यूई6/11

दि. 21.11.2012 का सं. ई (डब्ल्यू) 2012/डब्ल्यूई-6/15

दि. 23.01.2008 का सं. ई (डब्ल्यू) 2007/डब्ल्यूई-6/12

दिनांक 23.11.1940 का सं. 5926-एफ

दिनांक 22.11.57 का सं. ई (डब्ल्यू) 57-यूई6/30

दिनांक 14.12.57 का सं. ईडब्ल्यू) 57-डब्ल्यूई6/15

दिनांक 24.05.58 का सं. ईडब्ल्यू) 58-डब्ल्यूई 6/6

दिनांक 27.7.65 का सं. ई (डब्ल्यू) 64-डब्ल्यूई6/22

दिनांक 26.04.66 का सं. ई (डब्ल्यू) 65-डब्ल्यूई6/23

दि. 25.08.80 का सं. ई(एनजी) 111-79/आरआर 1/25

दिनांक 05.01.83 का सं. ईडब्ल्यू) 80-डब्ल्यूई6/2

दिनांक 07.05.83 का सं. ई (डब्ल्यू) 80-डब्ल्यूई6/1

दिनांक 12.08.83 का सं. ई (डब्ल्यू) 83 एसपी 1-4

दिनांक 28.01.84 क्व सं. ई (डब्ल्यू) 82-डब्ल्यूई 6/2

दिनांक 16.10.84 सं. ई (डब्ल्यू) 84-डब्ल्यूई 6/7

दिनांक 22.01.85 सं. ई (डब्ल्यू) 84-पीएस5/18/1

दिनांक 07.05.86 का सं. है (डब्ल्यू) 86-डब्ल्यूई6/8

दिनांक 04.12.86 का सं. ईडब्ल्यू) 86-डब्ल्यूई6/3

दि. 15.07.2015 का सं.ई (डब्ल्यू) 2015/आरएसजीबी/8

दि. 16.07.2015 का सं.ई (डब्ल्यू) 2008/डब्ल्यूई-6/18

 दिनांक 14.05.87 का सं. ई (डब्ल्यू) 86 एफयू 1/1

दिनांक 16.05.88 का सं. है (डब्ल्यू) 88-डब्ल्यूई6/5

दिनांक 09.09.88 का सं. ई (डब्ल्यू) 88-डल्यूई 6/5

दिनांक 19.09.88 का सं. ई (डब्ल्यू) 84 एससी 2/10

दि. 17.07.2015 कर सं.ई (डब्ल्यू) 2015/आरएसजीबी/8

दि. 06.01.2017 का सं. ई (डब्ल्यू) 2016/आरएसजीबी/8

दिनांक 4.10.2016 का सं. ई (डब्ल्यू) 2001/डब्ल्यूई 6/14

दि.23/27.12.2013 का सं.ई (डब्ल्यू) 2012/डब्ल्यूई-6/15

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