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 Master Circular No. 24 (New)

Transfer of Non-gazetted Railway Servants. (Hindi)

 

 

 

मास्टर परिपत्र सं. 24

भारत सरकार/GOVERNMENT OF INDIA

रेल मंत्रालय/MINISTRY OF RAILWAYS

(रेलवे बोर्ड /RAILWAY BOARD)

 

सं. ई (एनजी)।/2019/टीआर/10

नई दिल्ली, दिनांक 17.08.2023

 

महाप्रबंधक (पी)

सभी भारतीय रेलें,

उत्पादन इकाइयां एवं अन्य।

विषयः- अराजपत्रित रेल कर्मचारियों के स्थानांतरण से संबंधित मास्टर परिपत्र।

 

रेलवे बोर्ड द्वारा क्षेत्रीय रेलों के अधीन कार्यरत अराजपत्रित रेल कर्मचारियों के स्थानांतरण से संबंधित विषय पर विभिन्न पत्रों/अनुदेशों के माध्यम से समय-समय पर अनुदेश जारी किए गए हैं। वर्ष 1991 तक इस विषय पर जारी किए गए अनुदेशों के आधार पर, स्थानांतरण पर मास्टर परिपत्र सं. 24 दिनांक 08.04.1991 को जारी किया गया था। सभी संबंधितों की सूचना और मार्गदर्शन के लिए इस विषय पर तब से अब तक जारी सभी अनुदेशों को विधिवत रूप से शामिल करते हुए अद्यतन किया गया है।

 

2. स्थानांतरण का अर्थ किसी रेल कर्मचारी का एक मुख्यालय स्टेशन से जहां वह नियुक्त है दूसरे ऐसे स्टेशन पर संचलन से है, या तो;

(i) किसी नए पद पर कार्यभार ग्रहण करना हो; या

(ii) उसके मुख्यालय तथा वरिष्ठता इकाइयों के परिवर्तन के परिणामस्वरूप।

(संदर्भ: नियम 226 से 231) भारतीय रेल स्थापना संहिता, जिल्द ।, 1985 संस्करण)

3. स्थानांतरण का आदेश या तो अस्थायी आधार पर या अस्थायी से इतर किसी अन्य आधार पर किया जा सकता है। स्थानांतरण किसी प्रकार का कोई दंड नहीं है।

3.1 रेल कर्मचारियों के बार-बार स्थानांतरण का सहारा नहीं लिया जाना चाहिए। जहां कहीं रेल कर्मचारी का स्थानांतरण अस्थायी है, वहां इसका उल्लेख स्थानांतरण आदेश में किया जाना चाहिए।

(संदर्भ: बोर्ड का दिनांक 23.05.81 का पत्र सं. ई (एनजी) ।-81/ टीआर/19)

4. अस्थायी आधार से इतर स्थानांतरण, प्रशासनिक आवश्यकताओं या रेल कर्मचारियों से प्राप्त अनुरोधों पर विचार करने के बाद किए जाते हैं।

4.1 किसी रेल कर्मचारी की पदोन्नति के परिणामस्वरूप किया गया स्थानांतरण कर्मचारी द्वारा उसके स्वयं के हित में यथासंभव शीघ्र स्वीकार कर लिया जाना चाहिए।

4.2 (i) जब कभी किसी संवर्ग में कोई विरतीकरण (Curtailment) होता है और रेल कर्मचारियों को स्थानांतरित किया जाना होता है, तब सामान्य नियम के तौर पर, कनिष्ठतम कर्मचारियों को पहले स्थानांतरित किया जाना चाहिए।

(संदर्भ: बोर्ड का दिनांक 27.07.66 का पत्र सं. ई (एनजी) 66/टीआर 2/20)

(ii) यदि किसी रेलवे के किसी विशेष स्टेशन पर गतिविधि को बंद किया जाता है जैसे किसी शेड या विशेष संस्थापन को बंद करना, जिसके कारण काफी संख्या में रेल कर्मचारियों का स्थानांतरण करना आवश्यक हो जाता है तो ऐसे मामलों से उत्पन्न मानवीय समस्याओं से निपटने के लिए उचित व्यवस्था करने में सहायता हेतु इस मामले पर मज़दूरों के साथ विचार-विमर्श किया जाना चाहिए।

(संदर्भ: बोर्ड का दिनांक 10.06.77 का पत्र सं. ई (एनजी) ।।/77/ टीआर/21)

5. स्थानांतरण आवेदनों पर कार्यवाही करने की प्रक्रियाः

 

रेलों द्वारा एक इकाई/मंडल/रेलवे से अन्य इकाई/मंडल/रेलवे में रेल कर्मचारियों के स्थानांतरण पर कार्यवाही करते समय निम्नलिखित दिशा-निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए:

 

(i) सभी आवश्यक विवरणों वाले आवेदन की इतनी प्रतियां तैयार की जानी चाहिए, जितने इकाई/मंडल/रेलवे सहित स्तरों/अधिकारियों तक आवेदन जाना हो, जहां के लिए स्थानांतरण मांगा गया है।

 

(ii) सभी प्रतियों पर कर्मचारी का पासपोर्ट आकार का फोटो आवेदन के ठीक दाहिने कोने में सबसे ऊपर लगाया/चिपकाया जाना चाहिए।

 

(iii) इस आवेदन के साथ एक अतिरिक्त वैसा ही पासपोर्ट आकार का फोटो होना चाहिए, जो स्थानांतरण के लिए कर्मचारी को भारमुक्त करने के ज्ञापन/आदेश पर, जब कभी वह जारी हो, इसी प्रकार से लगाया/चिपकाया जाए।

 

(iv) संबंधित अधिकारी का तत्काल पर्यवेक्षक/अधिकारी आगे की कार्रवाई के लिए आवेदन को अग्रेषित करने से पूर्व आवेदन की प्रत्येक प्रति पर लगी फोटो को इस प्रकार से सत्यापित करेगा कि हस्ताक्षर और रबर की मोहर आंशिक रूप से फोटोग्रोफ के ऊपर और आंशिक रूप से फोटोग्राफ के बाहर कागज़ पर दिखाई दें।

 

(v) रबर की मोहर में आवेदन को सत्यापित और अग्रेषित करने वाले पर्यवेक्षक/अधिकारी का नाम और पदनाम स्पष्ट रूप से दर्शाया जाना चाहिए।

 

(vi) प्रत्येक स्तर/कार्यालय ऊपर उल्लिखित विवरणों के अनुसार सभी प्रकार से पूर्ण आवेदन की प्रति, उच्च प्राधिकारी या इकाई जहां के लिए स्थानांतरण मांगा गया हो, को अग्रेषित करने से पूर्व अपने पास रखेंगे, जैसा भी मामला हो।

 

(vii) आवेदन का पंजीकरण किया जाना चाहिए और प्रचलित प्रक्रिया के अनुसार उपयुक्त प्राथमिकता संख्या दी जानी चाहिए तथा कर्मचारी को इसके बारे में सूचित किया जाना चाहिए।

 

(viii) स्थानांतरण का अनुरोध स्वीकार किए जाने और सक्षम प्राधिकारी द्वारा आवश्यक आदेशों के जारी किए जाने के पश्चात्, कर्मचारी को कार्यभार मुक्त करने वाले ज्ञापन/आदेश पर कर्मचारी का फोटोग्राफ (जो आरंभ में अनुरोध प्रस्तुत करते समय उससे प्राप्त किया गया था) चिपका हुआ होना चाहिए, जो उपर्युक्त (iv) में दर्शाए गए अनुसार सत्यापित किया गया हो। ज्ञापन/आदेश में स्थानांतरित किए गए कर्मचारी के हस्ताक्षर और बाएं हाथ के अंगूठे का निशान दोनों होने चाहिए, जो ज्ञापन/आदेश पर हस्ताक्षर करने वाले अधिकारी द्वारा विधिवत रूप से सत्यापित होना चाहिए, जिसमें उसका नाम और पदनाम हस्ताक्षर के नीचे दिखाई दे रहा हो।

 

(ix) जब स्थानांतरित कर्मचारी उसे स्थानांतरण के लिए कार्यभारमुक्त किए जाने वाले वास्तविक ज्ञापन के साथ नई इकाई में पहुंचता है, तो उसे कार्यभार ग्रहण करने के लिए अनुमति दिए जाने से पूर्व, आवश्यक विवरणों जैसे फोटोग्राफ, हस्ताक्षर आदि का सावधानीपूर्वक मिलान किया जाना चाहिए। यदि किसी मामले में, विवरण प्रथमदृष्ट्या मेल खाता है परंतु, तर्कसंगत शंका बनी रहती है और यथार्थता के लिए रेलवे/मंडल/इकाई, जहां से कर्मचारी को स्थानांतरित किया गया है, के साथ परामर्श/जांच/सत्यापन अपेक्षित हो, तो इसे यथा संभव शीघ्रता से किया जा सकता है परंतु कर्मचारी के कार्यभार ग्रहण करने के एक माह के भीतर।

 

(x) स्थानांतरण से संबंधित पत्र-व्यवहार पर राजपत्रित कार्मिक अधिकारी द्वारा अपने नाम और पदनाम के साथ हस्ताक्षर किए जाने चाहिए, जो हस्ताक्षर के नीचे दिखाई दें।

 

(xi) अंतिम वेतन प्रमाणपत्र तत्काल जारी किया जाना चाहिए और राजपत्रित लेखा अधिकारी द्वारा अपने नाम और पदनाम के साथ हस्ताक्षर किए जाने चाहिए, जो हस्ताक्षर के नीचे दिखाई दें।

 

(xii) अंतिम वेतन प्रमाणपत्र को नई इकाई, जिसमें कर्मचारी को स्थानांतरित किया गया है, जहां तक संभव हो, कवरिंग लैटर के साथ विशेष संदेशवाहक के माध्यम से भेजा जाना चाहिए, जिसकी पहचान दस्तावेज़ों को स्वीकार करते समय प्रमाणित और नोट की जानी चाहिए।

 

(xiii) संबंधित कर्मचारी की सेवा पंजिका भी नई इकाई को उसी रीति से भेजी जानी चाहिए जैसा ऊपर (xii) में उल्लेख किया गया है।

 

5.2 उपर्युक्त प्रक्रिया यथोचित परिवर्तनों सहित सभी स्थानांतरणों पर लागू होगी, जिसमें प्रशासनिक आधार पर किए गए स्थानांतरण और पारस्परिक अदला-बदली आधार पर किए गए स्थानांतरण शामिल हैं।

(संदर्भ: बोर्ड का दिनांक 21.11.2001 का पत्र सं. ई (एनजी)।-2001/टीआर/16 और दिनांक 07.04.2015 का पत्र सं. ई (एनजी)। - 2014/टीआर/14)

6. आवधिक स्थानांतरण

 

6.1 (i) ऐसे संवेदनशील पदधारक रेल कर्मचारी, जिनमें जनता या/और ठेकेदारों/आपूर्तिकर्ताओं के साथ संपर्क में आने वाले कर्मचारी भी शामिल हैं, को प्रत्येक चार वर्ष के पश्चात् उनके मौजूदा पद/सीट या स्टेशन से बाहर स्थानांतरित किया जाएगा, जैसा भी मामला हो।

 

(ii) रेल कर्मचारियों के आवधिक स्थानांतरण के लिए अनुदेशों में कर्मचारियों की दो व्यापक कोटियां शामिल हैं:-

 

(क) पहली कोटि में वाणिज्य विभाग के कर्मचारी (जैसे वाणिज्यिक पर्यवेक्षक, आरक्षण लिपिक/बुकिंग लिपिक, सभी प्रकार की वाणिज्यिक संविदाओं/लाइसेंसों से संबंधित कर्मचारी, टिकट चैकिंग कर्मचारी आदि) और परिचालन विभाग (स्टेशन पर्यवेक्षक/स्टेशन मास्टर/सहायक स्टेशन मास्टर आदि) के कर्मचारी शामिल हैं।

 

(ख) कर्मचारियों की इस कोटि के मामले में बड़े पैमाने पर विस्थापन से बचने के उद्देश्य से जहां तक संभव हो आवधिक स्थानांतरण संबंधित कर्मचारी के आवास का परिवर्तन किए बिना किए जाने चाहिए क्योंकि ऐसे स्थानांतरणों के मौलिक उद्देश्यों को ऐसे कर्मचारियों को एक ही स्टेशन में एक भिन्न स्थान पर या एक ही शहरी समूह में एक अलग स्टेशन पर स्थानांतरित करके प्राप्त किया जा सकता है।

 

(ग) दूसरी कोटि में, जिसमें ऐसे कार्यालयों जैसे वेतन बिल अनुभाग, भंडार कार्यालय, लेखा कार्यालय, ईंधन अनुभाग, चिकित्सा विभाग आदि में मुख्य रूप से कार्यरत कर्मचारी होते हैं, जिन्हें वरिष्ठता इकाई के भिन्न/अधिक छोटा होने, स्थानीयकृत कार्यालय आदि के होने के कारण सामान्यतः स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है, उन्हें आवधिक स्थानांतरण की आवश्यकता को पूरा करने के लिए उसी स्थान पर भिन्न गैर-संवेदनशील सीट पर स्थानांतरित किया जाएगा।

 

(घ) विभिन्न विभागों में पदों, जिन्हें आवधिक स्थानांतरणों के प्रयोजन के लिए संवेदनशील पद के रूप में चिह्नित किया गया है, निम्नानुसार हैं:-

 

क. लेखा विभागः

 

1. ठेकेदारों/फर्मों के बिल पास करने वाले कर्मचारी;

2. आम जनता के लिए दावों/रिफंड और घाटभाड़ा/विलंब शुल्क जैसे विषयों पर कार्रवाई करने वाले कर्मचारी;

3. चेक लेखक;

4. रोकड़िया;

5. पेंशन/भविष्य निधि दावों पर कार्रवाई करने वाले कर्मचारी;

6. अप्रदत्त मज़दूरी को पास/रिलीज़ करने वाले कर्मचारी; और

7. भुगतान किए गए वाउचरों की पश्च लेखापरीक्षा (Post Audit) और जान-पहचान के मामलों पर कार्रवाई करने वाले कर्मचारी;

8. टीआईए/आईएसए/एसवी

 

ख. सिविल इंजीनियरी विभागः

 

1. भंडार के प्रभारी/ठेकेदारों के साथ संपर्क करने वाले/भंडारों की आपूर्ति स्वीकार करने वाले जूनियर इंजीनियर/सीनियर इंजीनियर/सीनियर सेक्शन इंजीनियर (निर्माण एवं रेलपथ)

2. भंडारों के प्रभारी निर्माण निरीक्षक / रेलपथ निरीक्षक;

3. बिल लिपिकः

4. सामग्री जांच लिपिक/भंडार लिपिकः

5. समयपालक;

6. निर्माण लेखाकार;

7. भंडार लेखा के प्रभारी सहायक अधीक्षक/अधीक्षक;

8. स्थानांतरण/पदोन्नति/ऋण एवं अग्रिम स्वीकृति तथा पास/पीटीओ/छुट्टी लेखे/स्थानीय खरीद जैसे विषयों पर कार्रवाई करने वाले कर्मचारी; और

9. मंडलीय ड्राइंग कार्यालय में ठेकेदारों के बिलों की जांच करने वाले ड्राफ्ट्समैन /प्राक्कलक।

 

ग. वाणिज्य विभागः

 

1. माल/पार्सल/सामान लिपिक;

2. आरक्षण/बुकिंग लिपिक;

3. टिकट कलेक्टर/टीटीई/कंडक्टर;

4. आरक्षण/माल पर्यवेक्षक :

5. घाटभाड़ा/विलंब शुल्क मामलों पर कार्रवाई करने वाले कर्मचारी;

6. सभी प्रकार की वाणिज्यिक संविदाओं/लाइसेंसों जैसे विषयों पर कार्रवाई करने वाले कर्मचारी;

7. सिटी बुकिंग/कटौती/आरटीएसए (रेल टिकट सेवा एजेंट) पर कार्रवाई करने वाले कर्मचारी;

8. दावों पर कार्रवाई करने वाले कर्मचारी;

9. सेक्शनल सीएमआई एवं सेक्शनल दावा निरीक्षक;

10. राजस्व अर्जन और वाणिज्यिक प्रचार से संबंधित कर्मचारी।

 

घ. बिजली विभागः

 

1. भंडार लिपिक;

2. स्थापना लिपिक/ समयपालकः

3. मंडलीय कार्यालय में भंडार सहायक अधीक्षक / भंडार अधीक्षक;

4. मंडलीय कार्यालय में निर्माण सहायक अधीक्षक / निर्माण अधीक्षक;

5. वातानुकूलित सवारी डिब्बा प्रभारी/सवारी डिब्बा अटेंडेंट;

6. शाला का फॉरमैन प्रभारी;

7. माइलेज लिपिक/शेड नोटिस लिपिक;

8. निविदा/संविदा और भंडारों की खरीद पर कार्रवाई करने वाले कर्मचारी।

 

ङ. यांत्रिक विभागः

 

1. भंडार लिपिकः

2. बिल लिपिक/स्थापना लिपिक;

3. समयपालक;

4. शेडों में ईंधन निरीक्षक/ईंधन जारीकर्ता/ईंधन लिपिक;

5. शेडों में माइलेज लिपिक/शेड लिपिक;

6. निविदा/संविदा और भंडारो की खरीद पर कार्रवाई करने वाले कर्मचारी।

7. स्क्रैप के निपटान से संबंधित सेक्शन इंजीनियर/सीनियर सेक्शन इंजीनियर।

 

च. चिकित्सा विभागः

 

1. औषधि भंडारों की देखभाल करने वाला फार्मासिस्ट;

2. रसोई भंडारों के प्रभारी कर्मचारी;

3. बीमारी/योग्यता प्रमाणपत्र लिखने वाले कर्मचारी।

4. आवधिक चिकित्सा जांचों से संबंधित लिपिक/फार्मासिस्ट ।

5. रेलों को सामग्री की आपूर्ति करने वाली फर्मों के बिलों को पास करने वाले कर्मचारी।

6. गैर-रेलवे अस्पतालों के चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिलों को पास करने वाले कर्मचारी।

7. खाद्य संरक्षा अधिकारी के रूप में पदनामित स्वास्थ्य और मलेरिया निरीक्षक।

 

छ. कार्मिक विभागः

 

1. बिल लिपिक;

2. निपटान मामलों/अग्रिम से संबंधित कर्मचारी; और

3. संवर्ग अनुभाग कर्मचारी या भर्ती/पदोन्नति/स्थानांतरण जैसे विषयों पर कार्रवाई करने वाले कर्मचारी।

 

ज. भंडार विभागः

 

1. निविदा लिपिक/निपटान लिपिक/खरीद अनुभाग प्रभारी (प्रधान लिपिक/सहायक अधीक्षक/मांग लिपिक (दर संविदा पर कार्रवाई से संबंधित)

2. सहायक गोपनीय निविदा लिपिक/निविदा खोलने वाला लिपिक/नमूना लिपिक/अधीक्षक/सीटीसी;

3. अनुभाग प्रभारी (प्रधान लिपिक /सहायक अधीक्षक) / खरीद सामान्य पंजीकरण में पंजीकरण लिपिक;

4. प्राप्ति/निरीक्षण प्रभारी पर्यवेक्षक (वार्ड कीपर, एएसकेपी/डीएसकेपी) और उनके अधीन कार्यरत समूह 'ग' कर्मचारी, स्थानीय खरीद कर्मचारी।

5. बिक्री अनुभाग प्रभारी (एएसकेपी/डीएसकेपी) और उनके अधीन कार्यरत कर्मचारी;

6. स्क्रैप यार्ड/रिटर्न भंडार अनुभाग प्रभारी (एएसकेपी/डीएसकेपी) वार्ड कीपर और उनके अधीन कार्यरत समूह 'ग' कर्मचारी; और

7. मंडल के मंडल भंडार नियंत्रक (डीसीओएस) के ईए/मंडल रेल प्रबंधक के खरीद अनुभाग से संबंधित कर्मचारी।

 

झ. परिचालन विभागः

 

1. स्टेशन अधीक्षक;

2. केबिन स्टेशन मास्टर के रूप में और वे साइड स्टेशनों/क्रॉसिंग स्टेशनों पर कार्यरत/तैनात स्टेशन मास्टरों/सहायक स्टेशन मास्टरों को छोड़कर वे स्टेशन मास्टर/सहायक स्टेशन मास्टर, जो केवल गाड़ी को पास करने की ड्यूटी में शामिल हैं और कोई भी वाणिज्यिक ड्यूटी नहीं कर रहे हैं।

3. स्टेशन लिपिकः

4. पैकेज कार्य करने वाले गाड़ी लिपिक;

5. नियंत्रण कक्षों में स्टॉक नियंत्रक/कोचिंग नियंत्रक;

6. माइलेज बिलों/परिचालन प्रतिबंधों, वर्दियों के वितरण, यातायात भंडारों से संबंधित डेस्क और डीओएस/डीसीएस कार्यालय में चार्ज शीटों/वैगन आबंटन अनुभाग में कार्य करने वाले सहायक; और

7. सीओपी के कार्यालय में पण्य अनुभाग और भंडार अनुभाग से संबंधित डेस्क।

 

ञ. सिगनल एवं दूरसंचार विभाग

 

1. जूनियर इंजीनियर/सीनियर इंजीनियर (सिगनल) और जूनियर इंजीनियर/सीनियर इंजीनियर (दूरसंचार) भंडार डिपो के स्वतंत्र प्रभारी जो निविदा और संविदा तथा बिलों को तैयार करते हैं।

2. बिल लिपिक/समयपालक/स्थापना लिपिक;

3. भंडार लिपिक/भंडार जारीकर्ता।

4. कार्यालय लिपिक/अधीक्षक, जो निविदाओं और संविदाओं, भंडार की खरीद के लिए मांग-पत्रों और बिलों के सत्यापन से संबंधित कार्य करते हैं।

 

(संदर्भ:- बोर्ड का दिनांक 27.4.79 का पत्र सं. ई (एनजी) ।।/78/टीआर/85, दिनांक 7.2.80 का पत्र सं. ई (एनजी) । 1/78/ टीआर/82, दिनांक 22.8.80, 31.12.81, 19.2.86, 16.10.87 का पत्र सं. ई (एनजी)।।/80/टीआर/28, दिनांक 27.9.89 का पत्र सं. ई (एनजी) ।।/87/टीआर/34/एनएफआईआर / जेसीएम/डीसी, दिनांक 2.5.95 का पत्र सं. ई (एनजी)।/94/टीआर/29, दिनांक 21.5.2002 का पत्र सं. ई (एनजी)।/2001/टीआर/22, दिनांक 13.9.2002 एवं 23.2.2006 का पत्र सं. ई (एनजी)।/2002/टीआर/19, दिनांक 28.3.2005 का पत्र सं. ई (एनजी)।/94/टीआर/29, दिनांक 1.4.2009 का पत्र सं. ई (एनजी) ।/2007/टीआर/27 तथा दिनांक 18.8.2020 का पत्र सं. ई (एनजी)।-2020/टीआर/8)

 

6.2 संवेदनशील पर्दो सीटों पर कार्यरत कर्मचारियों के लिए एक डेस्क से दूसरे डेस्क पर रोटेशनल शिफ्टिंग करके आवधिक स्थानांतरण की आवश्यकता को पूरा किया जाएगा।

(संदर्भ: बोर्ड का दिनांक 27.4.79 का पत्र सं. ई (एनजी) ।।/78/टीआर/85)

 

6.3.1. सतर्कता संगठनके आदेश पर स्थानांतरण के आदेशः

 

सतर्कता संगठन/विशेष पुलिस कार्यालय के आदेश पर कई मामलों में स्थानांतरण के आदेश दिया जाते हैं ताकि उचित रूप से जांच में सुविधा हो सके। यह सुनिश्चित करने के लिए कि इसके कारण कोई उत्पीड़न और/या अत्याचार न हो, मंडल के नियंत्रणाधीन कर्मचारियों के लिए मंडल रेल प्रबंधक तथा मुख्यालय के नियंत्रणाधीन कर्मचारियों के लिए मुख्य कार्मिक अधिकारी (प्रशासन) वास्तविक शिकायत के अभ्यावेदनों की सुनवाई कर सकते हैं, यदि कोई शिकायत स्थानांतरण को प्रभावी करने वाले अंतिम निर्णय से पहले की गई हो। बहरहाल, यह प्रक्रिया मान्यताप्राप्त यूनियनों के पदधारकों पर लागू नहीं होगी, जो आदेशों के अलग सेट द्वारा शासित होते हैं।

(संदर्भ:- बोर्ड का दिनांक 6.2.78 और 27.5.78 का पत्र सं. ई (एनजी) ।।/77/टीआर/112).

 

6.3.2 जब कभी सक्षम प्राधिकारी द्वारा, शिकायतों, सीबीआई/सतर्कता जांच आदि के आधार पर स्थानांतरण आदेश जारी किया जाता है, और तत्पश्चात् कर्मचारी द्वारा स्थानांतरण आदेश को वास्तव में मूल रूप से स्वीकार किए बिना स्थानांतरण आदेश को रद्द करने या संबंधित कर्मचारी को एक वर्ष के भीतर तैनाती के मूल स्थान पर वापस लाने का प्रस्ताव किया जाता है तो सक्षम प्राधिकारी द्वारा स्थानांतरण आदेशों में परिवर्तन के लिए अपेक्षित कारणों के संबंध में पूरा ब्यौरा देने के बाद अगले उच्च प्राधिकारी का अनुमोदन प्राप्त किया जाना चाहिए। रेलवे प्रशासन का यह भी प्रयास होना चाहिए कि सतर्कता मामले के परिणामस्वरूप दंडित किसी कर्मचारी को सार्वजनिक कार्यों से जुड़े किसी भी पद पर, विशेष रूप से भ्रष्टाचार की संभावना वाले क्षेत्रों में तैनात न किया जाए।

(संदर्भ:- बोर्ड का दिनांक 21.7.88 का पत्र सं. ई (एनजी) ।/80/टीआर/28)

 

6.3.3 अनाचार में संलिप्त होने के संदिग्ध टिकट चेकिंग स्टाफ को नीतिगत मामले के रूप में अनियंत्रित सामाजिक बुराई के विरुद्ध अभियान के एक उपाय के रूप में अंतर-विभागीय/अंतर-क्षेत्रीय आधार पर निरपवाद रूप से स्थानांतरित किया जाना चाहिए।

सतर्कता/अनुशासनात्मक आधार पर अन्य रेलों/मंडलों में स्थानांतरित किए गए दोषी रेलवे कर्मचारियों की उनके मूल रेल मंडल में वापसी विभिन्न प्रकार के मामलों के संबंध में निम्नलिखित तरीकों से निर्धारित की जा सकती है:

(i) मामले जो अंत में माफी में समाप्त होते हैं: यदि वास्तविक (मूल) रेलवे मंडल में वापस तैनाती के लिए संबंधित कर्मचारियों से कोई अनुरोध प्राप्त होता है, तो डी एंड एआर कार्यवाही के बंद होने के बाद किसी भी समय महाप्रबंधक द्वारा विचार किया जा सकता है। दूसरे शब्दों में, आवेदक के इतर रेलवे मंडल में रहने पर कोई न्यूनतम समय सीमा लागू नहीं होगी।

(ii) मामले जो अंततः छोटी शास्ति लगाकर समाप्त होते हैं: यदि वास्तविक (मूल) रेलवे/मंडल में वापस तैनाती के लिए संबंधित कर्मचारियों से अनुरोध प्राप्त होता है, तो दंड की अवधि के पूरा होने की तारीख के 3 वर्ष के बाद ही महाप्रबंधक (महाप्रबंधकों) द्वारा इस पर विचार किया जा सकता है।

(iii) मामले जो अंततः बड़ी शास्ति लगाकर समाप्त होते हैं: यदि वास्तविक (मूल) रेलवे/मंडल में वापस तैनाती के लिए संबंधित कर्मचारियों से अनुरोध प्राप्त होते हैं, तो दंड की अवधि के पूरा होने की तारीख के 6 वर्ष के बाद ही महाप्रबंधक (महाप्रबंधकों) द्वारा इस पर विचार किया जा सकता है।

(iv) ऊपर पैरा (ii) तथा (iii) के अंतर्गत आने वाले मामलों के संबंध में, यथावत् उसी कार्यालय/स्थान/स्टेशन, जहां अनियमितता मूल रूप से की गई थी सतर्कता द्वारा इसका पता लगाया गया था, पर तैनाती की अनुमति नहीं है।

(v) वास्तविक (मूल) रेलवे मंडल में वापस तैनाती के लिए अनुरोधों पर विचार नहीं किया जाएगा यदि कर्मचारी "आदतन" अपराधी (वे जिनके विरुद्ध बार-बार अपराध दर्ज किए गए हों) की कोटि में आते हैं और/या ऐसे कर्मचारी जिनके विरुद्ध (अन्य) सतर्कता संबंधी मामले, अनुरोध पर विचार करने के समय लंबित हैं।

 

उपर्युक्त प्रावधानों से संबंधित शक्तियों का निष्पादन संबंधित क्षेत्रीय रेलों/उत्पादन इकाइयों के महाप्रबंधक (महाप्रबंधकों) द्वारा व्यक्तिगत रूप से किया जाएगा और इन्हें आगे प्रत्यायोजित नहीं किया जाएगा।

इसके अलावा, रेलवे के विभाजन के कारण, जब कर्मचारी को प्रशासनिक आधार पर एक ही रेलवे के अलग-अलग मंडलों में स्थानांतरित किया जाता है और वह एक ही रेल के अलग-अलग मंडलों में तैनात हो गए हों, तब उन कर्मचारियों, जिन्हें पहले प्रशासनिक आधार/सतर्कता के आधार पर दूसरे मंडल में स्थानांतरित किया गया था, द्वारा किए गए स्थानांतरण के अनुरोध पर दोनों संबंधित महाप्रबंधकों अर्थात् कार्यमुक्त करने वाले और कार्यभार ग्रहण करवाने वाले द्वारा दी गई स्वीकृति के अध्यधीन उनके मूल रेलवे में स्थानांतरण के लिए विचार किया जा सकता है। परंतु मामला-दर-मामला आधार पर उनके मूल मंडल में नहीं।

(संदर्भ:- बोर्ड का दिनांक 23.10.2006 का पत्र सं. ई (एनजी)।-2004/टीआर/22 और दिनांक 25.09.2016 का पत्र सं. ई (एनजी)।-2004/टीआर/22).

 

6.4 पदोन्नति पर/संवर्ग के छोटा होने के कारण/कानूनी भर्तियों आदि को छोड़कर प्रशासनिक आधार पर एक वरिष्ठता इकाई से दूसरी वरिष्ठता इकाई में रेल कर्मचारियों के स्थानांतरण के आदेश कभी-कभार और केवल सार्वजनिक हित में ही किए जाने चाहिए अर्थात् ऐसे मामले में जहां किसी कर्मचारी का आचरण की जांच की जा रही हो या जहां प्रशासनिक हित में यह विचार किया जाता है कि रेल कर्मचारी को किसी अन्य स्टेशन पर रखा जाना चाहिए। स्थानांतरण के ऐसे मामले में, स्थानांतरित किए गए ऐसे कर्मचारी को वरिष्ठता का संरक्षण दिया जाता है, जिससे उस इकाई में पदोन्नति की प्रतीक्षा कर रहे कर्मचारियों को कठिनाई होती है, जहां उनका स्थानांतरण किया गया है। इसलिए, ऐसे स्थानांतरणों के आदेश केवल तब किए जाने चाहिए जब पूर्णतः अनिवार्य हो। जहां किसी रेल कर्मचारी के विरुद्ध कोई जांच लंबित हो, वहां इस पर शीघ्रता से कार्रवाई की जानी चाहिए और जितना जल्दी हो मामले को अंतिम रूप दिया जाना चाहिए ताकि रेल कर्मचारी को वरिष्ठता की मूल इकाई में वापस स्थानांतरित किया जा सके।

(संदर्भ:- बोर्ड का दिनांक 25.1.69 का पत्रसं. ई (एनजी) । /68/ एसआर6/28).

 

7. एकतरफ़ा स्वयं के अनुरोध के आधार पर स्थानांतरण

 

7.1 रेल कर्मचारियों के वरिष्ठता की समान इकाई के भीतर उनके स्थानातंरण के अनुरोध पर विचार करने से संबंधित रेल कर्मचारियों की वरिष्ठता की हानि नहीं होती है। ऐसे अनुरोध सामान्यतः पारिवारिक सुविधा या शैक्षणिक सुविधाओं आदि के आधार पर किए जाते हैं। ऐसे अलोकप्रिय स्टेशनों जहां से रेल कर्मचारियों द्वारा स्थानांतरण मांगा जाता है वहां यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि पंजीकरण द्वारा लोकप्रिय स्टेशन पर स्थानांतरित करने की पूर्वापेक्षित शर्त के रूप में ऐसे स्टेशनों पर सेवा की न्यूनतम अवधि का निर्धारण करते हुए इन स्टेशनों पर अधिकृत संख्या में कर्मचारी तैनात किए जाएं।

(संदर्भ:- बोर्ड का दिनांक 10.1.71 का पत्र सं. ई (एनजी) ।।/77/टीआर/14).

 

7.2 स्थानांतरण के अनुरोधों पर संगठित पद्धति से कार्यवाही की जानी चाहिए और उनके अनुरोधों पर कार्रवाई करने के संबंध में कर्मचारी के मस्तिष्क में किसी प्रकार की शिकायत की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। यदि उस स्थान पर जहां कर्मचारी ने स्थानांतरण मांगा है, संवर्ग में रिक्ति होती है तो वहां पर अनुरोध तत्काल स्वीकार करने और संवर्ग प्राधिकारियों को सूचित करने में, जहां से स्थानांतरण किया जाना है, कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए। इस कार्य के लिए मंडल/कारखानों/क्षेत्रीय मुख्यालय की इकाइयों में सही ढंग से रजिस्टरों का रख-रखाव होना चाहिए।

(संदर्भ: बोर्ड का दिनांक 25.5.83 का पत्र सं. ई (रिप)।-83 एडी1/ मिस./ स्टाफ ग्रीव. और दिनांक 6.6.83 का पत्र सं. ई (एनजी)।-83/टीआर/26)

 

7.3 जहां अनुरोधों में उसी रेल/अन्य रेल पर वरिष्ठता की एक भिन्न इकाई /अन्य मंडल में स्थानांतरण शामिल हो, वहां स्थानांतरण के आदेश सभी स्रोतों से स्वीकृति प्राप्त होने और नई इकाई द्वारा स्वीकार किए जाने के पश्चात् ही किए जाने चाहिए। अनुरोध पर स्थानांतरण केवल तभी अनुमत है जब आरंभिक भर्ती ग्रेडों में या ऐसे मध्यवर्ती ग्रेडों में जिनमें निचली वरीयता पर सीधी भर्ती का कारक हो। एक कर्मचारी को किसी अन्य क्षेत्रीय रेल में स्थानांतरण के अनुरोध मांगे जाने से पूर्व परिवीक्षा अवधि, प्रशिक्षण अवधि, जहां कहीं भी निर्धारित हो, के साथ 05 वर्ष की रेल सेवा पूरी करना अपेक्षित होता है। बहरहाल, महाप्रबंधक, मान्यताप्राप्त मज़दूर संघों के परामर्श से सुचारु गाड़ी परिचालन के लिए महत्वपूर्ण पदों पर कार्मिक आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए अराजपत्रित संवर्ग में विशिष्ट कोटियों के लिए अंतर-रेलवे स्थानांतरण की न्यूनतम सेवा अवधि को 5 वर्ष से बढ़ाकर 10 वर्ष तक कर सकता है। कर्मचारी के पास उस ग्रेड, जिसके लिए स्थानांतरण मांगा गया है, के लिए सीधी भर्ती हेतु निर्धारित शैक्षणिक अर्हता होनी चाहिए। ऐसे स्थानांतरित किए गए कर्मचारी को पिछली इकाई में उनकी सेवा अवधि और ओहदे पर ध्यान दिए बिना नई इकाई में उनके कार्यभार ग्रहण करने की तारीख से संगत ग्रेड में स्थायी या तदर्थ आधार पर नई इकाई में सीधी भर्ती कोटा रिक्ति के निमित्त समायोजित किया जाना है और उसकी वरीयता नई इकाई में सभी मौजूदा कर्मचारियों से नीचे निर्धारित की जानी है। मध्यवर्ती ग्रेडों जहां सभी रिक्तियां पूर्णतः निचले ग्रेड (गेडों) में, कर्मचारियों की पदोन्नति द्वारा भरी जाती हैं, में व्यक्तिगत अनुरोध पर स्थानांतरण के आदेश नहीं किए जाने चाहिए।

महाप्रबंधक, बिना बारी के आधार पर अराजपत्रित रेल कर्मचारियों के स्थानांतरण के अनुरोध की अनुमति का निर्णय ले सकते हैं। ऐसे अनुरोधों पर केवल विरल मामलों में ही विचार किया जा सकता है, जहां स्वीकृतिकर्ता रेलवे से अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त हो गया हो और मूल रेल में सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित कर दिया गया हो। महाप्रबंधक, बिना बारी के आधार पर स्थानांतरण के अनुरोध के ऐसे मामलों को अग्रेषित करने पर भी विचार कर सकता है, जब आपवादिक परिस्थितियों में उन पर विचार किया जाना अपेक्षित हो।

(संदर्भ: बोर्ड के दिनांक 30.9.65, 29.1.66, और 1.4.66 के पत्र सं. ई (एनजी) 65 एसआर6/31, दिनांक 31.3.71 का पत्र सं. ई (एनजी) 11/71/टीआर/1, दिनांक 7.6.88 का पत्र सं. ई (रिप)।/88एई/12/6/115, दिनांक 8.2.2000 का पत्र सं. ई (एनजी) ।/71/टीआर/15, दिनांक 23.04.2019 का पत्र सं. ई (एनजी)।-2015/टीआर/20, दिनांक 10.3.2022 का पत्र सं. ई (एनजी)।- 2017/टीआर/24, दिनांक 23.03.2022 का पत्र सं. ई (एनजी)।-2017/टीआर/24, दिनांक 17.09.2018 का पत्र सं. ई (एनजी)।-2018/ टीआर/14 तथा दिनांक 10.06.2022 का पत्र सं. ई (एनजी)।- 2018/टीआर/14)

 

7.4 एक रेलवे /इकाई/मंडल से दूसरी रेलवे /इकाई/मंडल में खेलकूद कोटा के अंतर्गत भर्ती खिलाड़ियों के स्थानांतरण मामलों पर विचार करने के लिए सभी क्षेत्रीय रेलों और इकाइयों में निम्नलिखित अनुदेश लागू होंगे:

 

(i) पात्रता शर्तें:-

 

क) परिवीक्षा अवधि, प्रशिक्षण अवधि, जहां कहीं भी निर्धारित हो, सहित रेलों पर न्यूनतम 05 वर्ष की सेवा; और

ख) व्यक्ति एक नियमित कर्मचारी होना चाहिए;

 

(ii) उपर्युक्त पैरा (i) में यथा उल्लिखित शर्तों में अपवाद निम्नलिखित परिस्थितियों में हो सकता है:-

 

क) जहां खिलाड़ी का पति/पत्नी केन्द्रीय सरकार/राज्य सरकार/सार्वजनिक क्षेत्र का कोई कर्मचारी हो और खिलाड़ी ने पति/पत्नी के स्थान पर स्थानांतरण के लिए अनुरोध किया हो;

ख) जब कोई खिलाड़ी गंभीर शारीरिक और मानसिक बीमारी से पीड़ित हो, जिससे वह खेलकूद में प्रतिस्पर्धा के लिए अयोग्य हो जाए और वह किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरण चाहता हो, जहां उस बीमारी के लिए बेहतर ईलाज की सुविधाएं उपलब्ध हों; और

ग) जब खिलाड़ी एक रेलवे/मंडल/इकाई से दूसरी रेलवे मंडल/इकाई में पारस्परिक आधार पर अपने स्थानांतरण के लिए अनुरोध करे, बशर्ते कि ऐसे दोनों कर्मचारी खिलाड़ी हों।

 

(iii) खिलाड़ियों का अंतर-रेलवे/अंतर-मंडलीय/इकाई में स्थानांतरण उस रेलवे के महाप्रबंधक की सक्षमता के भीतर होगा और केवल उसके व्यक्तिगत अनुमोदन के पश्चात् ही इस पर निर्णय लिया जाएगा।

(iv) रेलों में कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात् मान्यताप्राप्त अंतरराष्ट्रीय चैम्पियनशिपों में पदक विजेता प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों के अंतर-रेलवे स्थानांतरण के लिए पांच वर्ष की सेवा शर्त में छूट, रेलवे बोर्ड द्वारा उसके अनुरोध पर दी जा सकती है।

(v) उसी रेल में एक मंडल/ इकाई से दूसरी मंडल/इकाई में स्थानांतरण के मामलों में छूट का निर्णय संबंधित महाप्रबंधक द्वारा लिया जा सकता है, जैसाकि अन्य अराजपत्रित रेल सेवकों के मामले में होता है।

(vi) स्थानांतरणों को शासित करने वाली सामान्य शर्ते जैसे उस कोटि/पद, जिसके लिए स्थानांतरण मांगा गया है, पर भर्ती के लिए निर्धारित शैक्षणिक अर्हताएं, निचली वरीयता आदि देना, खिलाड़ियों के स्वयं के अनुरोधों पर उनके स्थानांतरण के सभी मामलों में लागू होगा।

(vii) बहरहाल, चूंकि, खिलाड़ियों की भर्ती तीन वर्ष की जॉब ट्रेनिंग के साथ तकनीशियन ग्रेड ।।। में अनुमत है, अतः 03 वर्ष का प्रशिक्षण पूरा कर लेने के बाद ही उन्हें निचली वरीयता पर अंतर-रेलवे स्थानांतरण के लिए अनुरोध करने की अनुमति भी दी जा सकती है।

(संदर्भ: बोर्ड का दिनांक 17.02.2011, 25.05.2011 एवं 07.03.2012 का पत्र सं. 2011/ई (स्पोर्ट्स)/4(3)/4 (ट्रांसफर पॉलिसी), दिनांक 24.02.2011 का पत्र सं 2011/ई (स्पोर्ट्स)/4(1)/1 पॉलिसी क्लेरीफिकेशन, दिनांक 18.08.2017 का ई (एनजी)।-2017/टीआर/23 और दिनांक 18.09.2017 का पत्र सं. 2017/ई (स्पोर्ट्स) / 4 (1)/6/ट्रांसफर पॉलिसी)

 

7.5 भारतीय रेल स्थापना नियमावली, जिल्द-। के पैरा 312 के अनुसार, एकतरफा स्थानांतरण के अनुरोध "संगत ग्रेड" में होते हैं। "संगत ग्रेड" वह ग्रेड है जिसमें सीधी भर्ती का कारक होता है। महाप्रबंधक, स्वयं यह निर्णय लेते हैं कि क्या एकतरफा स्थानांतरण के अनुरोध के लिए यह एक संगत ग्रेड है।

(संदर्भ:- बोर्ड का दिनांक 02.03.2016 का पत्र सं. ई (एनजी)।-2015/टीआर/15).

 

7.6 नई इकाई में स्थानांतरित किए गए कर्मचारी को उसके स्थानांतरण के अनुमोदन की तारीख से वरीयता देना वांछनीय/व्यावहारिक नहीं होगा, जब वह कर्मचारी अभी भी अपनी मूल इकाई में कार्य कर रहा है। उसे कार्यमुक्त करने के लिए शीघ्र ही हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए। मामले को, डीआरएम/ सीडब्ल्यूएम के सीनियर डीपीओ/डब्ल्यूपीओ द्वारा, जैसा भी मामला हो, विलंब का विशिष्ट कारण देते हुए प्रस्तुत किया जाना चाहिए।

(संदर्भ:- बोर्ड का दिनांक 26.11.2019 का पत्र सं. ई (एनजी) 1/2019/पीएम 2/18 सीसी)

 

7.7 बोर्ड द्वारा यह विनिश्चय किया गया है कि प्राप्तकर्ता रेलवे द्वारा जारी अनापत्ति प्रमाण-पत्र छह माह तक वैध होना चाहिए और यदि संबंधित कर्मचारियों का स्थानांतरण इस अवधि के भीतर नहीं होता है तो ऐसे मामलों में अनापत्ति प्रमाण-पत्र को अनिवार्य रूप से पुनः वैध किया जाना चाहिए। कर्मचारी को केवल अनापत्ति प्रमाण-पत्र की वैधता की पुनः पुष्टि करने के बाद ही स्थानांतरण पर कार्यमुक्त किया जाना चाहिए

(संदर्भ: दिनांक 01.10.2020 का पत्र सं. ई (एनजी) ।/2020/टीआर/16)

 

7.8 रेलें यह सुनिश्चित करें कि केवल ऐसे अंतर-रेलवे स्थानांतरणों के अनुरोध ही अग्रेषित किए जाएं जिनमें उस रेलवे द्वारा जहां के लिए स्थानांतरण मांगा गया है, स्वीकृति के मामले में रिलीफ की तर्कसंगत संभाव्यता हो। ऐसा करते समय, विभिन्न कारक जैसे अन्य रेलों/मंडलों से विभागीय पदोन्नतियों/अंतर-मंडलीय/अंतर-रेलवे स्थानांतरण के माध्यम से संवर्ग में शामिल किए जा सकने वाले कर्मचारियों की संख्या तथा आरआरबी मांगों के माध्यम से स्थानांतरण का ध्यान रखा जाना चाहिए ताकि एक बार अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त होने पर संबंधित कर्मचारी को शीघ्र कार्यमुक्त किया जा सके।

(संदर्भ: दिनांक 20.09.2019 का पत्र सं. ई (एनजी)।-2019/टीआर/11)

8. पारस्परिक आधार पर स्थानांतरण

 

8.1 कोई भी रेल कर्मचारी जो किसी रेलवे /मंडल/इकाई की रेल सेवा का सदस्य है तो वह भारतीय रेल स्थापना संहिता जिल्द 1 के पैरा 226 में निहित प्रावधानों के अध्यधीन अन्य रेलवे /इकाई/मंडल के उसी ग्रेड में कार्यरत अन्य रेलवे इकाई/मंडल के कर्मचारी के साथ या स्वेच्छा तथा बिना किसी शर्त के प्रत्यावर्तन पर (यदि उच्च/विभिन्न ग्रेड में कार्यरत) पारस्परिक स्थानांतरण के लिए मांग कर सकता है।

 

8.2 पारस्परिक स्थानांतरण के लिए मंडल स्तर पर नियंत्रित पदों के लिए मंरेप्र, कारखानों द्वारा नियंत्रित पदों के लिए सीडब्ल्यूएम तथा मुख्यालय द्वारा नियंत्रित पदों के लिए महाप्रबंधक या कोई और निम्न स्तर का प्राधिकारी, जिसे शक्तियां सौंपी गई हैं, सक्षम प्राधिकारी होता है।

 

8.3 पारस्परिक अदला-बदली के आधार पर स्थानांतरण पर वरीयता का निर्धारण

 

(i) दोनों कर्मचारियों में से वरिष्ठ कर्मचारी को कनिष्ठ कर्मचारी द्वारा रिक्त किया गया वरिष्ठ पद प्रदान किया जाएगा। नई इकाई में कार्यभार ग्रहण करने के बाद कनिष्ठ कर्मचारी को उसकी पूर्व वरीयता प्रतिधारित करने की अनुमति होगी और उसे समान वरीयता वाले व्यक्तियों के नीचे की वरीयता में रखा जाएगा।

(संदर्भ: भारतीय रेल स्थापना संहिता, जिल्द 1, 1985 संस्करण का पैरा 230)

 

(ii) किसी एक मंडल, कार्यालय अथवा रेलवे के एक संवर्ग से अन्य मंडल, कार्यालय अथवा रेलवे के समरूपी संवर्ग में पारस्परिक अदला-बदली के आधार पर स्थानांतरित रेल कर्मचारी ग्रेड में पदोन्नति की तारीख के आधार पर अपनी वरीयता प्रतिधारित करेंगे अथवा जिस रेल कर्मचारी के साथ उन्हें परिवर्तित किया है, उसकी वरीयता लेंगे, दोनों में से जो भी कम हो

 

पारस्परिक स्थानांतरण के अनुदेशों के क्षेत्र में अंतर-मंडलीय पारस्परिक स्थानांतरण उल्लिखित नहीं है। समान वरीयता इकाई के भीतर स्थानांतरण करने में मंडल/संवर्ग नियंत्रण प्राधिकारी सक्षम होते हैं और इसलिए पारस्परिक स्थानांतरण के अनुदेश लागू नहीं होते हैं।

(संदर्भ: भारतीय रेल स्थापना संहिता, जिल्द ।, 1985 संस्करण का पैरा 310 और दिनांक 05.08.2022 का ई (एनजी)।-2020/टीआर/13)

 

(iii) क्षेत्रीय रेलों के महाप्रबंधक स्वयं अथवा निचले स्तर के प्राधिकारी, जिन्हें शक्तियां प्रत्यायोजित की गई हैं, निर्णय ले सकते हैं कि पारस्परिक स्थानांतरण की मांग कर रहे दोनों कर्मचारियों के समनुरूपी संवर्ग हैं या नहीं?

(संदर्भ: बोर्ड का दिनांक 02.03.2016 का पत्र सं. ई (एनजी)।-2015/टीआर/15 और उक्त पैरा 7.3(ii)}

 

(iv) पारस्परिक स्थानांतरण का आदेश दोनों पार्टियों की सहमति के साथ किया जाता हैं पारस्परिक स्थानांतरण के लिए आवेदनों को अग्रेषित करने के समय ही यह स्पष्ट कर दिया जाए कि किसी भी परिस्थिति में पारस्परिक अदला-बदली व्यवस्था से पीछे हटने के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

(संदर्भ: बोर्ड का दिनांक 21.04.2006 का पत्र सं. ई (एनजी)।-2006/ टीआर/6 और दिनांक 11.01.2019 का पत्र सं. ई (एनजी)।-2018/ टीआर/8)

 

8.4 पारस्परिक स्थानांतरण की अनुमति दो विभिन्न ग्रेडों के कार्मिकों के बीच भी दी जा सकती है, परंतु संवर्ग के केवल भर्ती ग्रेड में न कि मध्यवर्ती ग्रेड में। भविष्य में मुकदमेबाज़ी से बचने के लिए पारस्परिक अदला-बदर्ली चाहने वाले दोनों कर्मचारियों को लिखित में घोषणा करनी होगी कि वे बिना किसी शर्त के और स्वेच्छा से भर्ती ग्रेड में स्वहित में प्रत्यावर्तन तथा अपनी संबंधित नई इकाई में निचली वरीयता को स्वीकार करते हैं।

(संदर्भ: बोर्ड का दिनांक 21.04.2006 का पत्र सं. ई (एनजी)।-2006/टीआर/6 और दिनांक 26.10.2018 तथा 11.01.2019 का पत्र सं. ई (एनजी)।-2018/ टीआर/8)

 

8.5 पारस्परिक अदला-बदली के आधार पर स्थानांतरण को समान कोटि के कर्मचारियों के बीच ही अनुमति मिलेगी (अर्थात् सामान्य के साथ सामान्य, अनुसूचित जाति के साथ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के साथ अनुसूचित जनजाति)। बहरहाल, भर्ती ग्रेडों में निचली वरीयता पर स्थानांतरणों को पद आधारित रोस्टरों में अंकों के संदर्भ में प्रतिबंधित करने की आवश्यकता नहीं है। सामान्यतः इस संबंध में कमी/अधिकता को समायोजित करने के लिए अनुसरण की जा रही प्रक्रिया को भविष्य में भी जारी रखा जाए। लेकिन ऐसे स्थानांतरणों की केवल सीधी भर्ती कोटा के रिक्त पदों के लिए ही पुनरावृत्ति की अनुमति दी जाए न कि पदोन्नति कोटा पदों के लिए। उक्त अनुदेश पद आधारित रोस्टरों के संचालन/रखरखाव के संबंध में इस मंत्रालय द्वारा यथा निर्धारित मौजूदा प्रक्रिया में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं करते हैं।

(संदर्भ : बोर्ड का दिनांक 14.08.2007 का पत्र सं. ई (एनजी)।-2004/टीआर/16)

 

8.6 पदोन्नति द्वारा भरे जाने वाले पदों में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कोई आरक्षण न होने के कारण, "सामान्य" शब्द में अन्य पिछड़ा वर्ग भी शामिल होगा। अन्य शब्दों में, सामान्य/अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंध रखने वाले कर्मचारी सामान्य/अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंध रखने वाले कर्मचारियों के साथ पारस्परिक स्थानांतरण कर सकते हैं।

 

8.7 भर्ती ग्रेडों में भी बिना किसी प्रतिबंध के पारस्परिक स्थानांतरण की अनुमति है, बशर्ते कि :-

 

(i) ग्रेड में पद पूरी तरह से खुली प्रतियोगिता से सीधी भर्ती द्वारा भरे गए हों;

(ii) ऐसे मामलों में जहां ग्रेड में पद आंशिक रूप से पदोन्नति द्वारा तथा आंशिक रूप से सीधी भर्ती द्वारा भरे गए हों, पारस्परिक स्थानांतरण चाहने वाले दोनों कर्मचारियों की भर्ती सीधे खुली प्रतियोगिता से हुई होनी चाहिए; इससे अभिप्राय यह है कि इन दोनों को सीधी भर्ती के लिए बनाए गए पद आधारित रोस्टरों में शामिल किया जाना चाहिए। दूसरे शब्दों में, यदि एक या दोनों कर्मचारी पदोन्नति के लिए बनाए गए पद आधारित रोस्टर में शामिल हैं, तो दिनांक 14.08.2007 के अनुदेशों के अनुसार पारस्परिक स्थानांतरण पर प्रतिबंध लागू होंगे।

(संदर्भ: बोर्ड का दिनांक 22.10.2007 का पत्र सं. ई (एनजी)।-2004/टीआर/16)

 

8.8 सभी पारस्परिक स्थानांतरण मामलों में जहां दोनों रेलों/ इकाइयों द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दिया गया है अर्थात् स्वीकार करना और कार्यमुक्त करना, तब रिलीवर की प्रतीक्षा किए बिना, दोनों कर्मचारियों को तुरंत कार्यमुक्त कर दिया जाना चाहिए। नए मंडल में प्रस्तुत करने के लिए कर्मचारी को सेवा रिकॉर्ड और असत्यापित एलपीसी की एक प्रति दी जानी चाहिए। मूल सेवा रिकॉर्ड/एलपीसी भी 15 दिनों के भीतर अवश्य भेज दिया जाना चाहिए।

(संदर्भ: बोर्ड का दिनांक 09.05.2018 का पत्र सं. ई (एनजी) 1-2017/टीआर/24)

 

8.9 किसी मंडल/कार्यालय/रेल/उत्पादन इकाई इकाई के किसी भी विभाग/संवर्ग से संबंधित स्तर-1 (ग्रेड वेतन 1800/-रु.) में कार्यरत एक पूर्ववर्ती समूह "घ" कर्मचारी को किसी अन्य मंडल/कार्यालय/रेल/उत्पादन इकाई इकाई के किसी भी विभाग/संवर्ग से संबंधित स्तर-1 (ग्रेड वेतन 1800/-रू.) में कार्यरत किसी अन्य कर्मचारी से "समरूपी संवर्ग" शब्द की प्रयोज्यता के बिना पारस्परिक अदला-बदली के आधार पर स्थानांतरण पर जाने की अनुमति दी जा सकती है। बहरहाल, यह व्यवस्था निर्धारित चिकित्सीय मानक को पूरा करने के अध्यधीन है। इस प्रकार स्थानांतरित किए गए कर्मचारी को नई इकाई में निरपवाद रूप से कार्य पद पर भेजने से पहले, जहां आवश्यक समझा जाए प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। इस प्रशिक्षण अवधि को ड्यूटी के रूप में माना जाए। ये अनुदेश केवल स्तर-1 पदों पर पारस्परिक अदला-बदली के आधार पर होने वाले स्थानांतरण के लिए हैं, न कि किसी अन्य प्रकार के स्थानांतरण के लिए। इसके अतिरिक्त, ये प्रावधान स्तर-2 या उससे ऊपर के स्तर पर कार्यरत अराजपत्रित रेल कर्मचारियों पर लागू नहीं होंगे।

(संदर्भ: बोर्ड का दिनांक 06.07.2018 का पत्र सं. ई (एनजी)।-2017/टीआर/19)

 

8.10 पारस्परिक स्थानांतरण के मामलों से निपटने के लिए आदर्श घटनाक्रम निम्नानुसार है :-

 

1. पर्यवेक्षकों द्वारा मंडल के कार्मिक विभाग को आवेदन अग्रेषित करना 10 दिन

2. मंडल कार्मिक विभाग द्वारा अग्रेषण 15 दिन

3. मुख्यालय कार्मिक विभाग द्वारा अग्रेषण (मुख्यालय नियंत्रित पदों के लिए) 15 दिन

4. स्वीकृति की सूचना 10 दिन

5. स्थानांतरण आदेश जारी करना 10 दिन

6. एलपीसी और सेवा रिकॉर्ड का प्रेषण 15 दिन

(संदर्भ: बोर्ड का दिनांक 22.09.2017 का पत्र सं. ई (एनजी)।-2017/टीआर/24)

9. पति या पत्नी के आधार पर स्थानांतरण

 

9.1 जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं की स्थिति में वृद्धि को देखते हुए और सामान्य परिवारिक जीवन जीने के साथ-साथ बच्चों की शिक्षा और कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए, केंद्र सरकार की नौकरियों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए पति-पत्नी दोनों की अनिवार्य रूप से निम्न परिस्थितियों में एक ही स्टेशन पर नियुक्ति करने का एक ठोस प्रयास किया गया है:-

 

(i) जहां पति-पत्नी दोनों रेल कर्मचारी हैं और समान वरिष्ठता इकाइयों से संबंध रखते हैं

 

यदि पति और पत्नी एक ही विभाग में कार्यरत हैं और यदि आवश्यक स्तर का पद उपलब्ध है तो दोनों को निरपवाद रूप से एक साथ तैनात किया जाना चाहिए ताकि वे सामान्य पारिवारिक जीवन यापन कर सकें तथा अपने बच्चों के कल्याण का ध्यान रख सकें, विशेषकर जब तक बच्चे 18 वर्ष के न हो जाएं। यह केंद्रीय स्टाफिंग योजना के तहत नियुक्ति पर लागू नहीं होगा। जहां केवल पत्नी सरकारी कर्मचारी है, वहां उक्त रियायत सरकारी कर्मचारी पर लागू होगी। अतः यह सुनिश्चित करते हुए कि उनमें से कोई एक अन्य का अधीनस्थ के रूप में काम न करता हो, दोनों रेल कर्मचारियों की तैनाती एक स्टेशन/स्थान पर की जा सकती है।

 

(ii) जहां दोनों पति-पत्नी रेल कर्मचारी हैं और अलग-अलग वरिष्ठता इकाइयों से संबंध रखते हैं

दोनों रेल कर्मचारियों को ऐसे स्टेशन पर तैनात करने के प्रयास किए जाएं जहां उनकी वरिष्ठता इकाइयों में उचित स्तर पर पद मौजूद हों, ऐसा न होने पर, इस मामले में अन्य सभी संगत नियमों को ध्यान में रखते हुए श्रेणी में परिवर्तन के अनुरोध पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जा सकता है।

 

(iii) जहां पति/पत्नी में से एक रेलवे कर्मचारी है और दूसरा अखिल भारतीय सेवा या दूसरी केंद्रीय सेवा से संबंध रखता है

रेल कर्मचारी को उस रेल/मंडल/उत्पादन इकाई में ऐसे स्टेशन/ स्थान पर तैनात किया जाना चाहिए जिसके क्षेत्रीय अधिकार-क्षेत्र में उसके पति या पत्नी की तैनाती का स्थान राज्य पड़ता हो अथवा यदि पति/पत्नी की तैनाती के स्थान पर कोई रेल संगठन/पद न हो तो जितना संभव हो सके उसके नजदीक होना चाहिए।

(iv) जहां पति/पत्नी में से कोई एक रेल कर्मचारी हो और दूसरा राज्य सेवा में हो

रेल कर्मचारी को उस रेल/मंडल/उत्पादन इकाई में ऐसे स्टेशन/स्थान पर तैनात किया जाना चाहिए जिसके क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में उसके पति/पत्नी की तैनाती का स्थान / राज्य पड़ता हो। यदि ऐसा संभव नहीं है, तो पति/पत्नी के नियंत्रण अधिकारी के पास रेल कर्मचारी द्वारा उसके पति/पत्नी की तैनाती रेल कर्मचारी की तैनाती के स्थान पर किए जाने के लिए अनुरोध आता है तो उसे सहानुभूतिपूर्वक विचार के लिए संबंधित प्राधिकारी को भेजा जा सकता है।

 

(v) जहां ति/पत्नी में से कोई एक रेल कर्मचारी हो और दूसरा केंद्र/राज्य/सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम/स्वायत्त निकाय/निजी क्षेत्र में कार्यरत हो।

रेल कर्मचारी अपने पति/पत्नी के तैनाती के स्थान पर तैनाती के लिए नियंत्रण अधिकारी को आवेदन कर सकता है, जिस पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुकूलता से विचार किया जा सकता है। यदि पति/पत्नी के तैनाती के स्थान पर रेल कर्मचारी की तैनाती के लिए कोई पद उपलब्ध नहीं है, तो उसकी तैनाती पति/पत्नी की तैनाती स्थान के नज़दीक की जा सकती है। यदि यह भी संभव न हो तो, रेल कर्मचारी के पति/पत्नी जो केंद्र/राज्य/सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम में कार्यरत है, की तैनाती रेल कर्मचारी के स्थान या उसके नज़दीक किए जाने के लिए रेल कर्मचारी दद्वारा किया गया आवेदन पति/पत्नी के नियंत्रण अधिकारी को अग्रेषित किया जा सकता है।

9.2 संवर्ग नियंत्रण प्राधिकारी कर्मचारी को पति/पत्नी के स्टेशन पर तैनाल करने का प्रयास करना चाहिए और ऐसा न कर पाने की स्थिति में कर्मचारी को विशिष्ट कारण बताएं।

9.3 गैर-अनुपालन को रोकने के लिए सुरक्षा उपाय यह सुनिश्चित करके प्रदान किए जा सकते हैं कि अनुदेशों का पालन न करने के विरुद्ध शिकायतों का निर्णय उन अधिकारियों द्वारा लिया जाए जो उन अधिकारियों से कम से कम एक स्तर ऊपर हैं जिन्होंने मूल निर्णय तब लिया था जब वे वरिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड स्तर/उत्पादन इकाइयों के प्रमुख से नीचे हैं। ऐसे सभी अभ्यावेदनों पर विचार कर उनका निपटान समयबद्ध तरीके से किया जाए। रेलों के प्रत्येक मंडल और क्षेत्रीय मुख्यालय पर रेल कर्मचारियों से उनके पति/पत्नी की तैनाती वाले स्थान पर तैनाती के अनुरोध दर्ज करने के लिए एक पृथक रजिस्टर रखा जाए, जिनकी सक्षम प्राधिकारी द्वारा समय-समय पर समीक्षा की जाए।

(संदर्भ: रेलवे बोर्ड का दिनांक 1.1.71 का पत्र सं. ई (एनजी) ।।-77/ टीआर/14, दिनांक 6.1.88 का पत्र सं. ई (एनजी)।-86/टीआर/14, दिनांक 5.11.97 का पत्र सं. ई (एनजी) 1-97/टीआर/28, दिनांक 02.02.2010 का पत्र सं. ई (एनजी)।-2009/टीआर/29, दिनांक 26.04.2019 का पत्र सं. ई (एनजी)।- 2019/टीआर/6)

10. रेल कर्मचारियों का स्थानांतरण जो मान्यता प्राप्त ट्रेड यूनियनों के पदाधिकारी हैं

10.1 किसी मान्यता प्राप्त ट्रेड यूनियन की शाखाओं सहित उसके पदाधिकारी रेल कर्मचारियों के स्थानांतरण के किसी भी प्रस्ताव को रेलवे द्वारा संबंधित यूनियन को सूचित किया जाए और यूनियन को इसे मंडल अधिकारी के संज्ञान में लाने की अनुमति है, और यदि आवश्यक हो, तो बाद में प्रस्तावित स्थानांतरण पर कोई भी आपत्ति महाप्रबंधक को बता सकते हैं। यदि निचले स्तरों पर कोई सहमति नहीं बनती है तो महाप्रबंधक का निर्णय अंतिम होगा। प्रस्तावित स्थानांतरण के बारे में यूनियन को पर्याप्त सूचना दी जानी चाहिए ताकि यूनियन कार्य को चलाने के लिए अथवा प्रस्तावित स्थानांतरण के विरुद्ध अभ्यावेदन देने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कर सके।

(संदर्भ:- बोर्ड का दिनांक 19.2.60 का पत्र सं. ई (एल) 60 यूटीआई-31)

10.2 सामान्य आवधिक स्थानांतरण के मामले में, जहां अपील पर विचार किए जाने के बाद महाप्रबंधक द्वारा यह स्थानंतरण रद्द न किए जाने का निर्णय लिया जाता है, स्थानांतरण को यूनियन के पदाधिकारियों के लिए अगले चुनावों तक, अधिकतम एक वर्ष की अवधि के अध्यधीन लंबित रखने की अनुमति दी जा सकती है। यह जनहित में आदेश किए गए विशेष आधार पर हुए स्थानांतरणों पर लागू नहीं होगा।

(संदर्भ:- बोर्ड का दिनांक 31.7.61 का पत्र सं. ई (एल) 61/पीई 1/43)

10.3 किसी ऐसे कर्मचारी के मामले में, जिसका स्थानांतरण उसके स्वयं के अनुरोध पर किया गया है, वहां सामान्य प्रक्रिया का अनुसरण करने की आवश्यकता नहीं है। यह कर्मचारी पर निर्भर है कि वह उस यूनियन को संतुष्ट करे जिससे वह संबंधित है।

(संदर्भ:- बोर्ड का दिनांक 06.10.64 का पत्र सं. ई (एल) 64 यूटीआई-113

10.4 रोजगार विनियमन के घंटे (एचओईआर) के तहत वैधानिक दायित्वों का पालन करने के लिए किसी कर्मचारी के स्थानांतरण के संबंध में, रेल प्रशासन को सुविधाजनक योजना बना कर प्रक्रिया का पालन करना चाहिए।

(संदर्भ:- बोर्ड का दिनांक 06.10.64 का पत्र सं. ई (एल) 64 यूटीआई-113)

10.5 यदि किसी कर्मचारी को पदोन्नति पर स्थानांतरित किया जाता है, तो यूनियन को प्रस्तावित स्थानांतरण की केवल सूचना दी जानी चाहिए और उसे तब तक लंबित रखना आवश्यक नहीं है जब तक कि रेलवे कर्मचारी पदोन्नति से इंकार न करना चाहता हो। किसी ट्रेड यूनियन पदाधिकारी को पदोन्नति पर उसी स्टेशन पर समायोजित करने के लिए किसी वरिष्ठ कर्मचारी को पदोन्नत किए गए कर्मचारी के स्थान पर स्थानांतरित करने की आवश्यकता नहीं है, जब तक कि कार्रवाई की यह विधि अन्यथा संभव न हो।

(संदर्भ:- बोर्ड का दिनांक 06.10.64 का पत्र सं. ई (एल) 64 यूटीआई-113)

10.6 किसी विशिष्ट स्टेशन पर अधिशेष हो जाने पर कर्मचारी का स्थानांतरण उक्त पैरा 9.5 के समान ही माना जाना चाहिए।

(संदर्भ:- बोर्ड का दिनांक 06.10.64 का पत्र सं. ई (एल) 64 यूटीआई-113)

10.7.1 यदि ट्रेड यूनियन के पदाधिकारी का स्थानांतरण विशेष पुलिस स्थापना मामले में उसकी लिप्तता के कारण किया जाना है तो संबंधित यूनियन को इस स्थानांतरण के बारे में केवल सूचित किया जाए। यूनियन द्वारा दिए गए किसी भी अभ्यावेदन पर विचार किया जा सकता है, लेकिन इस प्रयोजन के लिए स्थानांतरण रोकना आवश्यक नहीं है।

(संदर्भ:- बोर्ड का दिनांक 21.11.64 का पत्र सं. ई (एल) 64 यूटीआई-113)

10.7.2 उस मामले में प्रक्रिया का अनुसरण करने की आवश्यकता नहीं है, जहां रेलवे के एसपीई/सतर्कता संगठनों द्वारा रेल कर्मचारी का स्थानांतरण आवश्यक समझा जाता है। ऐसे मामले में, स्थानांतरण का निर्णय लेने से पहले महाप्रबंधक द्वारा स्वयं सारे दस्तावेज़ देखे जाने चाहिए। ट्रेड यूनियन को भी इस स्थानांतरण के बारे में बताया जाए लेकिन इस उद्देश्य के लिए नोटिस देना आवश्यक नहीं है। इसी प्रकार, ऐसे मामले में, जहां सिविल एवं पुलिस प्राधिकारियों ने रेलवे कर्मचारी जो मान्यताप्राप्त यूनियन का पदाधिकारी है, के तत्काल स्थानांतरण की सिफारिश इस आधार पर की है कि वह अवांछनीय गतिविधियों में लिप्त था तथा इससे रेलवे की कुशल कार्यप्रणाली प्रभावित हो रही थी, वहां कोई कार्रवाई नहीं की गई है, सामान्य प्रक्रिया से विचलन पर कोई आपत्ति नहीं है।

(संदर्भ:- बोर्ड का दिनांक 08.08.75 का पत्र सं. ई (एल) 75/यूटीआई-176)

10.8 उसी कार्यालय में एक अनुभाग/विभाग से दूसरे में स्थानांतरण के मामले में, यूनियन को पहले से सूचना देने की आवश्यकता नहीं है। बहरहाल, ऐसे स्थानांतरण करते समय यूनियन को स्थानांतरण के विषय में बताया जा सकता है। दूरी पर परंतु उसी स्टेशन पर उसी क्षेत्र के भीतर स्थित किसी अन्य कार्यालय में स्थानांतरण के मामले में सामान्य प्रक्रिया का अनुसरण किया जाए।

(संदर्भ:- बोर्ड का दिनांक 21.11.64 का पत्र सं. ई (एल) 64 यूटीआई-113)

10.9 महिलाओं के यौन उत्पीड़न में शामिल किसी यूनियन के पदाधिकारी के मामले में, संबंधित रेल प्रशासन संबंधित यूनियन के महासचिव की सहमति के बिना ऐसे व्यक्तियों का स्थानांतरण करने की कार्रवाई कर सकता है। ऐसे मामलों में जहां जांच कर रही समिति इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि ऐसा उत्पीड़न हुआ था और ऐसे मामलों में सतर्कता द्वारा सिफारिश किए गए स्थानांतरण के प्रावधानों का अनुसरण किया जाए। बहरहाल, ऐसे मामलों में ऐसी यूनियनों के महासचिव को स्थानांतरण को प्रभावी करने वाले विवरण के बारे में लिखित में सूचित किया जा सकता है।

(संदर्भ:- बोर्ड का दिनांक 11.01.2005 का पत्र सं. ई (एलआर) III/2004/यूटीएफ-2)

10.10 एक ही स्टेशन पर एक प्रशासनिक क्षेत्राधिकार से दूसरे प्रशासनिक क्षेत्राधिकार में स्थानांतरण पर (उदाहरण के लिए, कारखाना संस्थापना से लोको शेड) के लिए सामान्य प्रक्रिया का अनुसरण किया जाए।

10.11 जहां तक व्यावहारिक हो, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजातियों को उनके मूल जिलों तक ही सीमित रखा जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त यह बताया जाता है कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग रेलवे कर्मचारी यूनियन के निर्वाचित पदाधिकारियों का समान ग्रेड में स्थानांतरण आमतौर पर सामान्य स्थितियों में न किया जाए।

(संदर्भ:- दिनांक 05.03.1999 का पत्र सं. 97-ई (एससीटी) 1/22/12)

11. अन्य कोटियों से स्थानांतरण :-

एक विभाग में कार्यरत रेलवे कर्मचारी उस विभाग के प्रमुख जिसमें वे कार्यरत हैं, की पूर्व सहमति के बिना दूसरे विभाग में रोजगार के लिए पात्र नहीं होगा। ऐसी पूर्व सहमति के बिना, किसी कार्यालय या विभाग का अध्यक्ष, यदि वह जानता है या उसके पास ये विश्वास करने का कारण है कि वह व्यक्ति सरकार के अधीन किसी अन्य स्थापना से संबंधित है, तो वह अस्थायी या स्थायी रूप से किसी को नियुक्त नहीं करेगा। एक रेल कर्मचारी जो विभागाध्यक्ष की सहमति के बिना कोई नौकरी स्वीकार करता है, वह अनुशासन का उल्लंघन करता है तथा वह दंडित किया जा सकता है। बहरहाल, संबंधित मंरेप्र विभागाध्यक्ष के परामर्श के बिना समूह 'घ' रेल कर्मचारियों को (चपरासी, गैंगमैन, खलासी, अकुशल, अर्ध-कुशल आदि) एक विभाग से अन्य विभाग अथवा एक मंडल से अन्य मंडल में स्थानांतरित कर सकता है। यही समान शक्तियां मुख्य कारखाना प्रबंधकों (सीडब्लयूएम) को भी उसके नियंत्रण में काम कर रहे कर्मचारियों के लिए प्रदत्त की गई हैं।

(संदर्भ:- बोर्ड का दिनांक 18.07.66 का पत्र सं. ई (एनजी) 66/टीआर 2/4 और भारतीय रेल संहिता, जिल्द ।, 1985 संस्करण का पैरा 231, दिनांक 27.12.2018 का पत्र सं. ई (एनजी) ।-2018/टीआर/12)

11.1 लिपिक, लेखा लिपिक, टिकट कलेक्टर, वाणिज्यिक लिपिक, वरिष्ठ लिपिक, कनिष्ठ लेखा सहायक, वाणिज्यिक प्रशिक्षु (अपरेंटिस), यातायात प्रशिक्षु (अपरेंटिस), ईसीआरसी आदि जैसे वाणिज्यिक और अन्य गैर-तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों में श्रेणी परिवर्तन के अनुरोधों पर विचार नहीं किया जाना चाहिए। बहरहाल, प्रक्रिया के अनुसार अधिशेष कर्मचारियों और चिकित्सकीय रूप से विकोटिकृत कर्मचारियों को समाहित किए जाने की प्रशासन की शक्तियां अप्रभावित रहेंगी।

(संदर्भ:- बोर्ड का दिनांक 24.08.2018 का पत्र सं. ई (एनजी) ।-2018/टीआर/12 और दिनांक 25.09.2007 का पत्र सं. ई (एनजी)।-2006/टीआर/18)

11.2 कर्मचारियों के स्वयं के अनुरोध के आधार पर अंतर- रेलवे/अंतर-मंडलीय स्थानांतरण के लिए और मंडल नियंत्रित पदों के लिए कर्मचारियों के पारस्परिक स्थानांतरण के लिए मंडल नियंत्रित पदों के लिए पूरी शक्तियां-मंडल रेल प्रबंधक को, कारखाना संवर्ग के लिए पूरी शक्तियां मुख्य कारखाना प्रबंधक को ।

(प्राधिकार : एमएसओपी, 2018 की मद 10 (डी))

12. एक इकाई से दूसरी इकाई में स्थानांतरित रेल कर्मचारियों के निजी रिकॉर्डों का स्थानांतरण

जहां रेल कर्मचारी को एक रेलवे इकाई से दूसरी रेलवे इकाई में स्थानंतरित किया गया है, संबंधित रेलवे कर्मचारी के स्थानांतरण दस्तावेज़, सभी प्रकार से पूर्ण, शीघ्रता से उस कार्यालय को अग्रेषित किए जाने चाहिए, जहां उसे स्थानांतरित किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कर्मचारी को दस्तावेज़ों की अनुपलब्धता के कारण कोई कठिनाई/मुश्किल का सामना न करना पड़े।

(संदर्भ: बोर्ड का दिनांक 25.8.84 का पत्र सं. 84/एसी।1/21/2 और दिनांक 21.11.2001 का पत्र सं. ई (एनजी)।-2001/टीआर/16)

13. सामान्य :

सामान्यतः एक रेल कर्मचारी अपनी पूरी सेवा के दौरान रेलवे अथवा रेलवे संस्थान में नियुक्त किया जाएगा जहां उसे अपनी पहली नियुक्ति पर तैनात किया गया था और उसके पास किसी अन्य रेलवे या संस्थान में स्थानांतरण के लिए अधिकार का कोई दावा नहीं होगा। सेवा की अत्यावश्यकताओं में, रेल कर्मचारी को भारत में या भारत से बाहर किसी परियोजना सहित किसी अन्य विभाग या रेलवे या रेलवे संस्थान में स्थानांतरित करने का अधिकार राष्ट्रपति के पास होगा। अराजपत्रित रेलवे कर्मचारी के संबंध में, उन्हें भारत के भीतर स्थानांतरित करने की शक्ति का प्रयोग महाप्रबंधक अथवा निम्न स्तर के प्राधिकारी द्वारा किया जा सकता है, जिसे शक्तियां प्रत्यायोजित की गई हैं।

(संदर्भ: भारतीय रेल स्थापना संहिता, जिल्द ।, 1985 संस्करण का पैरा 226)

13.1 सक्षम प्राधिकारी एक रेल कर्मचारी को एक पद से दूसरे पद पर स्थानांतरित कर सकता है, बशर्ते कि, रेल कर्मचारी को पूर्ण रूप से स्थानांतरित नहीं किया जाएगा या, दोहरे प्रभार के मामले को छोड़कर, उस स्थायी पद के वेतन से कम वेतन वाले पद पर कार्य करने के लिए नियुक्त किया जाएगा जिस पर वह धारणाधिकार (लियन) रखता है या धारणाधिकार रखता होगा, यदि उसे निलंबित नहीं किया गया होता। बहरहाल, यह प्रावधान वहां लागू नहीं होगा, जहां किसी कर्मचारी का रेलवे में निम्न कारणों से स्थानांतरित किया जाना हो -

(i) अदक्षता या दुर्व्यवहार के कारण अथवा

(ii) उसके लिखित अनुरोध पर।

(संदर्भ: भारतीय रेल स्थापना संहिता, जिल्द ।, 1985 संस्करण का पैरा 227)

13.2 किसी भी अंतर-रेलवे/अंतर-मंडल स्थानांतरण पर तब तक विचार नहीं किया जाएगा। जब तक रेलवे में नियुक्ति के पांच (05) वर्ष पूरे नहीं हो जाते। बहरहाल, पारस्परिक अदला-बदली के आधार पर स्थानांतरण, पति/पत्नी के आधार पर स्थानांतरण, दिव्यांग बच्चे की देखभाल करने के आधार पर स्थानांतरण, दिव्यांग रेलवे कर्मचारी के स्थानांतरण और अनुकंपा आधार पर नियुक्त विधवाओं के स्थानांतरण के मामले में, 05 वर्ष की न्यूनतम शर्त में छूट है।

टीएडीके के किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरण के लिए, नियुक्ति अधिकारी के साथ, 5 वर्ष की न्यूनतम समय सीमा लागू नहीं होती है और मामले की परिस्थितियों के अनुसार, ऐसे टीएडीके का स्थानांतरण 5 वर्ष से पहले भी किया जा सकता है।

(संदर्भ बोर्ड का दिनांक 31.08.2015 का पत्र सं. ई (ओ) III-2014/पीएल/05, दिनांक 04.01.2016 का पत्र सं. ई (ओ) III-2014/पीएल/05, दिनांक 10.2.2017 और दिनांक 07.06.2019 का पत्र सं. ई (एनजी)।-2015/टीआर/20)

13.3 रेलवे भर्ती बोर्ड को मांगपत्र भेजते समय, विभिन्न मंडलों/रेलों में स्थानांतरण के लिए आवेदन देने वाले विभिन्न कोटियों के कर्मचारियों की संख्या के आधार पर आवश्यक अतिरिक्त अभ्यर्थियों की सीमा को ध्यान में रखा जाना चाहिए और भर्ती की जानी चाहिए ताकि प्रतिस्थापनों की उपलब्धता होने पर बिना किसी बाधा के स्थानांतरण हो सके।

(संदर्भ: बोर्ड का दिनांक 11.1.71 का पत्र सं. ई (एनजी) ।।/70/आरआर/31 और दिनांक 6.6.83 का पत्र सं. ई (एनजी) 1-83/टीआर/26)

13.4 आवधिक स्थानांतरण की योजना के मूल उद्देश्यों में स्थानांतरित किए जा रहे कर्मचारियों के बच्चों के शैक्षणिक सत्र को भी ध्यान में रखा जाए।

(संदर्भ:- बोर्ड का दिनांक 04.03.2010 का पत्र सं. ई (एनजी) 1-2009/टीआर/7)

 

13.5 अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति से संबंधित कर्मचारियों का बारंबार एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरण नहीं किया जाना चाहिए। इन समुदायों से संबंधित कर्मचारियों की तैनाती उनके आरंभिक नियुक्ति/पदोन्नतियों/स्थानांतरणों को, जहां तक व्यावहारिक हो उनके मूल जिले में अथवा आस- पास के जिलों अथवा स्थानों पर, जहां रेल प्रशासन उनकी पात्रता के अनुसार उन्हें आवास प्रदान कर सके, तक परिसीमित रखा जाए।

(संदर्भ:- बोर्ड का दिनांक 19.11.70 का पत्र सं. ई (एससीटी) 70 सीएम 15/15/3, दिनांक 14.1.75 का पत्र सं. ई (एससीटी) 74 सीएम 15/58, दिनांक 6.7.78 का पत्र सं. 78-ई (एससीटी) 15/25, दिनांक 24.12.85 का पत्र सं. 85-ई (एससीटी) 1-43/1 तथा दिनांक 19.6.2018 का पत्र सं. 2018-ई (एससीटी) 1/25/10)

14. वे रेल कर्मचारी, जो रेल सुरक्षा बल और रेल सुरक्षा विशेष बल के सदस्य हैं, उनका स्थानांतरण रेल सुरक्षा बल नियम, 1987 के प्रावधानों द्वारा शासित होगा।

15. 15 अगस्त, 2022 को एचआरएमएस के स्थानांतरण मॉड्यूल की शुरुआत के साथ, नए के साथ- साथ मौजूदा सभी स्थानांतरण अनुरोध (अंतर रेलवे तथा अंतर मंडल) अब से केवल एचआरएमएस द्वारा ही प्राप्त किए जाएंगे तथा संसाधित किए जाएंगे।

(संदर्भ:- बोर्ड का दिनांक 11.08.2022 का पत्र सं. पीसी-VII/2022/एचआरएमएस/15)

16. (i) इस मास्टर परिपत्र का संदर्भ लेते समय, यहां उल्लिखित मूल पत्रों को उचित सहमति के लिए पढ़ा जाए। यह मास्टर परिपत्र केवल मौजूदा अनुदेशों का एक समेकन है और इसे मूल परिपत्रों के प्रतिस्थापन के रूप में न समझा जाए। संदेहास्पद स्थिति में, मूल परिपत्रों पर प्राधिकार के रूप में विश्वास किया जाना चाहिए;

(ii) संदर्भित मूल परिपत्रों में निहित अनुदेशों का उनके जारी होने की तारीख से केवल संभावित प्रभाव होगा, जब तक कि अन्यथा इंगित न किया गया हो;

(iii) यदि इस विषय पर कोई परिपत्र जिसे अधिक्रमित नहीं किया गया है, मास्टर परिपत्र तैयार करने में कथित परिपत्र लापरवाही के कारण छूट गया है, उसे नजरंदाज नहीं किया जाना चाहिए बल्कि इसे वैध एवं प्रवर्ती माना जाना चाहिए।

17. जिन पत्रों तथा अन्य संदर्भों के आधार पर मास्टर परिपत्र तैयार किया गया है, वे संलग्नक में दर्शाए गए हैं।

कृपया पावती दें।

171.8723

(संजय कुमार)

उप निदेशक स्थापना (अराज.)

रेलवे बोर्ड 

निम्नलिखित परिपत्रों/पत्रों से समेकन किया गया है:

क्र.सं. पत्र/परिपत्र

1 ई (एल) 60 यूटी1-31 दिनांक 19.2.60

2 ई (एल) 61/पीई1/43 दिनांक 31.07.61

3 ई (एल) 64 यूटी 1-113 दिनांक 06.10.64

4 ई (एल) 64 यूटी 1-113 दिनांक 21.11.64

5 ई (एससीटी) 70 सीएम 15/15/3 दिनांक 19.11.70

6 ई (एनजी) 11/77/टीआर/14 दिनांक 10.1.71

7 ई (एनजी) II/70/आरआर/31 दिनांक 11.1.71

8 ई (एनजी) II-77/टीआर/14 दिनांक 1.1.71

9 ई (एनजी) II/71/टीआर/1 दिनांक 31.3.71

10 ई (एससीटी) 74 सीएम 15/58 दिनांक 14.1.75

11 ई (एल) 75/यूटी 1-176 दिनांक 08.08.75

12 ई (एनजी) ।।/77/टीआर/21 दिनांक 10.06.77

13 ई (एनजी) II/77/टीआर/112 दिनांक 6.2.78 एवं 27.5.78

14 78-ई (एससीटी) 15/25 दिनांक 6.7.78

15 ई (एनजी) II/78/टीआर/85 दिनांक 27.4.79

16 ई (एनजी) II/78/टीआर/82 दिनांक 7.2.80

17 ई (एनजी) 11/80/टीआर/28 दिनांक 22.8.80, 31.12.81, 19.2.86, 16.10.87

18 ई (एनजी)।-81/टीआर/19 दिनांक 23.5.81

19 ई (प्रतिनिधि)।-83 एडी1/विविध/स्टाफ ग्रिव. दिनांक 25.5.83

20 ई (एनजी)।-83/टीआर/26 दिनांक 6.6.83

21 84/एसीआईआई/21/2 दिनांक 25.8.84

22 85-ई (एससीटी) आई-43/1 दिनांक 24.12.85

23 ई (एनजी)।-86/टीआर/14 दिनांक 6.1.88

24 ई (प्रतिनिधि) ।/88AE/12/6/115 दिनांक 7.6.88

25 ई (एनजी)।/80/टीआर/28 दिनांक 21.7.88

26 ई (एनजी) II/87/टीआर/34/एनएफआईआर /जेसीएम/डीसी दिनांक 27.9.89

27 ई (एनजी)।-94/टीआर/29 दिनांक 2.5.95

28 ई (एनजी)।-97/टीआर/28 दिनांक 5.11.97

29 97-ई (एससीटी) 1/22/12 दिनांक 05.03.1999

30 ई (एनजी)।-99/टीआर/15 दिनांक 8.2.2000,

31 ई (एनजी)।-2001/टीआर/16 दिनांक 21.11.2001

32 ई (एनजी) 1-2001/टीआर/22 दिनांक 21.5.2002

33 ई (एनजी)।-2002/टीआर/19 दिनांक 13.9.2002 एवं 23.2.2006

34 ई (एनजी) 1-2004/टीआर/22 दिनांक 23.10.2006 एवं 25.09.2016

35 ई (एनजी)।-2004/टीआर/16 दिनांक 14.08.2007 एवं 22.10.2007

36 ई (एलआर) III/2004/यूटीएफ 2 दिनांक 11.01.2005

37 ई (एनजी)।-94/टीआर/29 दिनांक 28.3.2005

38 ई (एनजी)।-2006/टीआर/6 दिनांक 21.04.2006

39 ई (एनजी)।-2006/टीआर/6 दिनांक 21.04.2006

40 ई (एनजी)।-2006/टीआर/18 दिनांक 25.09.2007

41 ई (एनजी)।-2007/टीआर/27 दिनांक 1.4.2009

42 ई (एनजी)।-2009/टीआर/29 दिनांक 02.02.2010

43 ई (एनजी)।-2009/टीआर/7 दिनांक 04.03.2010

44 2011/ई (स्पोर्ट्स)/4(3)/4 (स्थानांतरण नीति) दिनांक 17.02.2011, 25.05.2011 एवं 07.03.2012

45 2011/ई (स्पोर्ट्स)/4(1)/1/नीति स्पष्टीकरण दिनांक 24.02.2011

46 ई (ओ) III/2014/पीएल/05 दिनांक 04.01.2016

47 ई (ओ) III-2014/पीएल/05 दिनांक 31.08.2015,

48 ई (एनजी)।-2014/टीआर/14 दिनांक 07.04.2015

49 ई (एनजी)।-2015/टीआर/15 दिनांक 02.03.2016

50 ई (एनजी)।-2015/टीआर/20 दिनांक 10.2.2017 एवं 07.06.2019

51 ई (एनजी)।-2017/टीआर/24 दिनांक 10.03.2022 एवं 23.03.2022

52 ई (एनजी)।-2017/टीआर/23 दिनांक 18.08.2017

53 ई (एनजी)।-2017/टीआर/24 दिनांक 22.09.2017

54 2017/ई (स्पोर्टस)/4(1) /6/ स्थानांतरण नीति दिनांक 18.09.2017

55. ई (एनजी)।-2017/टीआर/24 दिनांक 09.05.2018

56. ई (एनजी)।-2017/टीआर/19 दिनांक 06.07.2018

57. ई (एनजी)।-2018/टीआर/12 दिनांक 27.12.2018 एवं 24.08.2018

58. 2018-ई (एससीटी) 1/25/10 दिनांक 19.6.2018

59. ई (एनजी)।-2018/टीआर/14 दिनांक 17.9.2018

60. ई (एनजी)।-2018/टीआर/8 दिनांक 26.10.2018

61. ई (एनजी)।-2018/टीआर/8 दिनांक 11.01.2019

62. ई (एनजी)।-2019/टीआर/11 दिनांक 20.09.2019

63. ई (एनजी)।-2015/टीआर/20 दिनांक 23.04.2019

64. ई (एनजी)।-2019/टीआर/6 दिनांक 26.04.2019

65. ई (एनजी)।/2019/ पी एम 2/18 सीसी दिनांक 26.11.2019

66. ई (एनजी)।-2020/टीआर/8 दिनांक 18.08.2020

67. ई (एनजी) ।/2020/ टीआर/16 दिनांक 01.10.2020

68. ई (एनजी)।-2018/टीआर/14 दिनांक 10.06.2022

69. पीसी-VII/2022/ एचआरएमएस / 15 दिनांक 11.08.2022