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MASTER CIRCULAR NO. 34 

Seniority of Non-Gazetted Staff (हिन्दी)

 

 मास्टर परिपत्र सं.34 (अद्यतन 26 अगस्त 2019)

भारत सरकार / GOVERNMENT OF INDIA

रेल मंत्रालय / MINISTRY OF RAILWAYS

(रेलवे बोर्ड / RAILWAY BOARD)


सं.ई (एनजी)-1/2019/एसआर 6/6    नई दिल्ली, दिनांक: 26.08.2019

 

महाप्रबंधक,

सभी क्षेत्रीय रेलें और उत्पादन इकाइयां

(मानक डाक सूची के अनुसार)

 

विषयः अराजपत्रित कर्मचारियों की वरिष्ठता मास्टर परिपत्र (अद्यतन अगस्त 2019)

 

इस समय "अराजपत्रित कर्मचारियों की वरिष्ठता" विषय से संबंधित आदेश भारतीय रेल स्थापना नियमावली 2009 पुनर्मुद्रित के अध्याय-3 और रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड) द्वारा समय-समय पर जारी किए गए पत्रों/परिपत्रों में अंतर्विष्ट हैं। भारतीय रेल स्थापना नियमावली के प्रावधानों और सितम्बर, 1991 तक इस विषय पर जारी किए गए अनुदेशों पर आधारित मास्टर परिपत्र सं. 34 को अब तक जारी किए गए संगत प्रावधानों को शामिल करते हुए अ‌द्यतन किया गया है और सभी संबंधितों की सूचना और मार्गदर्शन के लिए अद्यतन मास्टर परिपत्र सं. 34 नीचे दिया गया है।

1. वरिष्ठता के सामान्य सिद्धांतः

 

2. जब तक विनिर्दिष्ट रूप से अन्यथा उल्लेख न किया गया हो, किसी ग्रेड में पद के पदद्यारियों के बीच वरिष्ठता उस ग्रेड में नियुक्ति की तारीख से शासित होगी। आरंभिक वेतन से अधिक वेतन एक नियम के रूप में एक रेल कर्मचारी को उन कर्मचारियों के ऊपर वरिष्ठता प्रदान नहीं करता जो पहले ही नियमित पदों पर नियुक्त है।

 

2.1 उन पदों, जो आंशिक रूप से पदोन्नति द्वारा तथा आंशिक रूप से सीधी भर्ती द्वारा भरे जाते हैं, में अराजपत्रित कर्मचारियों की सापेक्ष वरिष्ठता के निर्धारण का मापदण्ड पदोन्नत कर्मचारी के मामले में उचित प्रक्रिया अपनाने के पश्चात् नियमित पदोन्नति की तारीख तथा सीधी भर्ती हुए कर्मचारी के मामले में उचित प्रक्रिया अपनाने के पश्चात् कार्यवाही पद पर कार्यभार ग्रहण करने की तारीख होनी चाहिए बशर्ते कि पदोन्नति प्राप्त तथा सीधे भर्ती किए गए कर्मचारियों के बीच उनकी पारस्परिक वरिष्ठता बनाए रखी जाए। जब पदोन्नत रेल कर्मचारियों तथा सीधे भर्ती वाले कर्मचारियों को किसी एक ग्रेड में प्रवेश की तारीख एक हो तो प्रत्येक समूह की पारस्परिक वरिष्ठता बनाए रखने के लिए, पदोन्नति प्राप्त कर्मचारियों के सीधे भर्ती वाले कर्मचारियों से वरिष्ठ होने के कारण उन्हें हर तीसरे स्थान में रखा जाना चाहिए।

 

2.2 पैरा 2.1, 3, 4, 5 और 6 में जो कहा गया है उसके अध्यधीन जब एक ग्रेड में नियुक्ति की तारीख एक जैसी हाँ तो उससे निचले ग्रेड में प्रवेश को तारीख से वरिष्ठता का निर्धारण होगा। यदि वे तारीखें भी समान हों, तब पदोन्नति की सारिणी में सबसे निचले ग्रेड के क्रम में प्रत्येक निम्न ग्रेड में प्रवेश की तारीख से वरिष्ठता का निर्धारण होगा। यदि ये तारीखें भी एक जैसी हों तो संबद्ध जन्म तिथि से वरिष्ठता का निर्धारण होगा और ऐसी स्थिति में अधिक आयु वाला व्यक्ति वरिष्ठ होगा।

 

2.3 एक रेल कर्मचारी, जो एक बार गैर-आकस्मिक रिक्ति पर पदोन्नत कर दिया गया हो, को जब तक अन्यथा विनिर्दिष्ट न किया गया हो, सामान्यतः उस ग्रेड में अन्य उन सभी कर्मचारियों से वरिष्ठ समझा जाना चाहिए, जिन्हें बाद में पदोन्नत किया जाता है।

 

2.4 यदि गाड़ी पार कराने/गाड़ी परिचालन की ड्यूटियों में नियुक्त कर्मचारी दूसरे प्रयास में भी आवधिक पुनश्चर्या पाठ्यक्रम में उत्तीर्ण नहीं होते हैं तो उन्हें ऐसी वैकल्पिक कोटियों में समाहित किया जाना है, जिनमें गाड़ी पार कराने और गाड़ी परिचालन की ड्यूटियां अंतर्यस्त न हों, तथापि, उन्हें कम-से-कम छह महीने की अवधि के अंतराल पर आगे पुनश्चर्या पाठ्यक्रम आरंभ करने की अनुमति है तथा यदि वे पुनश्चर्या पाठ्यक्रम उत्तीर्ण कर लेते हैं तो प्रथम रिक्ति होने पर वे मूल कोटि में पुनः समाहित कर लिए जाते हैं। ऐसे मामले में, कर्मचारी की वरिष्ठता वैकल्पिक कोटि में उसके समाहन तथा मूल कोटि में उसके संभावित पुनः समाहन के बीच की अवधि के दौरान पदोन्नतः व्यक्तियों की संख्या के बराबर उसकी मूल स्थिति से नीचे हो जाएगी। उदाहरणार्थ, यदि एक कर्मचारी मूल रूप से 15 वें स्थान पर है तथा वैकल्पिक कोटि में उसकी अनुपस्थिति के दौरान, 3 व्यक्ति पदोन्नत कर दिए गए हैं तो मूल कोटि में पुनः समाहित किए जाने पर वरिष्ठता सूची में उसका रैंक 18वां होगा।

 

2.5 सीधर्धी भती के लिए निर्धारित कोटा केबल भर्ती के स्तर पर प्रासंगिक होगा तथा वरिष्ठता के निर्धारण

के लिए उसकी कोई प्रासंगिकता नहीं होगी जो सामान्य नियम लागू करके निर्धारित की जाएगी। जहाँ एक वर्ष विशेष में सीधी भर्ती के लिए निर्धारित कोटा उम्मीदवारों को अनुपलब्धता के कारण नहीं भरा जाता है वहां अगले वर्ष में यह कमी पूरी की जा सकती है और वरिष्ठला के प्रयोजन से इसके लिए पूर्वव्यापी लाभ नहीं दिया जाएगा।

 

2.6 यदि सेवा की तात्कालिक आवश्यकता के कारण सीधी भर्ती किए गए कर्मचारी की प्रशिक्षण अवधि कम कर दी जाती है, तो वरिष्ठता के प्रयोजन के लिए सीधे भर्ती किए गए ऐसे कर्मचारी के मामले में कार्यकारी पद पर कार्यभार ग्रहण करने की तारीख वह तारीख होगी, जिस तारीख को प्रशिक्षण की निर्धारित अवधि पूरी करने के पश्चात् वह कार्यकारी पद पर सामान्यतः आता है।

 

2.7 उपर्युक्त उप-पैरा 2.6 में अंतर्विष्ट प्रावधान अंतर-प्रशिक्षु और सीमित विभागीय प्रतिस्पर्धी परीक्षा (जैसे यातायात एवं वाणिज्यिक प्रशिक्षुओं के मामले में 10%) द्वारा भरी गई कतिपय कोटियों में निर्धारित कोटे के तहत विभागीय चयनित उम्मीदवारों पर भी लागू होंगे।

 

(बोर्ड के दिनांक 23.08.1991 के पत्र सं. ई (एनजी)।/89/ एसआर 6/35 के तहत जारी एसीएस'सं. 2)

[$56 सीओ।/813, 21.11.53, ई53/एसआर 6/21/3 दिनांक 8.3.54, 2.8.54, 12.8.54, 13.8.54, 24.9.54, ई (एनजी) 60/एसआर 6/2 दिनांक 15.9.60, ई (एनजी) 53/ एसआर 6/7 दिनांक 6.2.61, ई (एनजी) 60/एसआर/6/2 दिनांक 16.11.61, ई (एनजी) 62/एसआर 6/35 दिनांक 12.3.63, ई (एनजी) 67/ एसआर 6/35 दिनांक 24.11.67, ई (एनजी) 1/80/एसआर 6/4 दिनांक 4.2.81, ई (एनजी) ।/78/एसआर 6/42 दिनांक 7.4.82 तथा भारतीय रेल स्थापना नियमावली, 1989, 2009 पुनः मुद्रित संस्करण का पैरा 302 एवं 314]

3. रेल भर्ती बोर्ड (जिन्हें पहले रेल सेवा आयोग कहा जाता था) अथवा किसी अन्य भर्ती एजेंसी के माध्यम से भर्ती किए गए उम्मीदवारों की वरिष्ठता का निर्धारण निम्न प्रकार से किया जाना चाहिए: -

 

(क) प्रशिक्षण स्कूलों में प्रारंभिक प्रशिक्षण के लिए भेजे जाने वाले उम्मीदवारों की संगत ग्रेड में वरिष्ठता उस क्रम में निर्धारित की जाएगी जो वे कार्यकारी पद पर तैनात किए जाने से पहले प्रशिक्षण अवधि की समाप्ति पर आयोजित की जाने वाली परीक्षा में प्राप्त करेंगे, बाद के पाठ्यक्रमों में भाग लेने वाले और अनुवर्ती अवसरों में परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवार रैंक में उन उम्मीदवारों से कनिष्ठ होंगे। जिन्होंने परीक्षा पास कर ली थी, लेकिन यदि रेल भर्ती बोर्ड के एक ही पैनल वाले व्यक्तियों को प्रशासनिक कारणों की वजह से, न कि उम्मीदवारों की सुविधानुसार, बैंचों में प्रारंभिक प्रशिक्षण के लिए भेजा जाता है तो उनकी पारस्परिक वरिष्ठता बैच-वार विनियमित की जाएगी। बशर्ते कि रेल भर्ती बोर्ड के पैनल में उच्च रैंक वाले व्यक्तियों को जिन्हें प्रशासनिक कारणों की वजह से उपर्युक्त बैच में (वरिष्ठता के अनुसार) प्रशिक्षण के लिए न भेजा गया हो, उन उम्मीदवारों के साथ शामिल कर लिया जाए जिन्होंने पारस्परिक वरिष्ठता विनियमित किए जाने के प्रयोजन के लिए उपयुक्त बैच में प्रशिक्षण प्राप्त किया हो बशर्ते कि ऐसे व्यक्ति पहले ही प्रयास में प्रशिक्षण की समाप्ति पर परीक्षा उत्तीर्ण कर लें।

(प्राधिकारः रेलवे बोर्ड का दिनांक 14.03.1993 का पत्र सं. ई (एनजी) ।/89/एसआर 6/32, एसीएस सं. 9)

 

(ख) ऐसे उम्मीदवार, जिन्हें किसी आरंभिक प्रशिक्षण पर जाने की आवश्यकता नहीं है, उनकी वरिष्ठता रेलवे भर्ती बोर्ड (पहले रेल सेवा आयोग कहा जाता था) अथवा अन्य भर्ती एजेंसियों द्वारा उन्हें आबंटित मेरिट आदेश के आधार पर निर्धारित की जाएगी।

 

[दिनांक 25.4.1957 का ई (एनजी) 57/ एसआर 6/2 और भारतीय रेल स्थापना नियमावली 1989, 2009 पुनर्मुद्रित संस्करण का पैरा 303]

 

3.1 ऐसे मामलों में, जिनमें सीधे भर्ती किए गए खिलाड़ियों को कार्य पदों पर नियुक्त किए जाने से पूर्व प्रशिक्षण वि‌द्यालयों में प्रशिक्षण पर जाना अपेक्षित होता है, में भारतीय रेल स्थापना नियमावली, 2009 पुनःमुद्रित संस्करण के पैरा 303 में अंतर्विष्ट वरिष्ठता के सामान्य नियम लागू होंगे।

 

(प्राधिकारः रेलवे बोर्ड का दिनांक 08.12.1994 का पत्र सं. ई (एनजी) 1/94/एसआर 6/6)

4. जब एक ही परीक्षा/ प्रवरण में दो या दो से अधिक उम्मीदवार समान योग्यता क्रम में घोषित किए जाएं उनकी आपसी वरिष्ठता जन्मतिथि द्वारा निर्धारित की जानी चाहिए, अधिक आयु वाला उम्मीदवार वरिष्ठ होगा। (ई 56 (नियमावली/111), भारतीय रेल स्थापना नियमावली 1989, 2009 पुनर्मुद्रित का पैरा 304]

 

5. बहरहाल, यदि कोई उम्मीदवार, जिसकी वरिष्ठता उपर्युक्त पैरा 3 और 4 के अधीन निश्चित की जानी है, नियुक्ति आदेश प्राप्त होने के बाद उचित अवधि में कार्यभार न संभाल पाए, तो नियुक्ति प्राधिकारी उसे उन सब चयनित उम्मीदवारों से नीचे रखकर उनकी वरिष्ठता निश्चित कर सकते हैं, जो उसी परीक्षा/चयन में चुने गये हों और जिन्होंने कार्यभार संभालने के लिए दी गई अवधि के अंदर कार्यभार संभाल लिया हो या उसे उन सब उम्मीदवारों से भी नीचे रखा जा सकता है जो बाद की परीक्षा/चयन में चुने जाएं और उससे पहले कार्यभार संभाल लें।

(भारतीय रेल स्थापना नियमावली 1989, 2009 के पुनः मुद्रित संस्करण का पैरा 305)

 

6. उपर्युक्त पैरा 5 के अधीन आने वाले मामलों को छोड़कर, पहले चयन में नियुक्ति के लिए चुने गए उम्मीदवार, बाद के चयन में चुने जाने वाले उम्मीदवारों से वरिष्ठ होंगे चाहे उनकी तैनाती की तारीख कोई भी हो।

(भारतीय रेल स्थापना नियमावली 1989, 2009 के पुनः मुद्रित संस्करण का पैरा 306)

7. परिवीक्षा अवधि

 

परिवीक्षा अवधि जब विनिर्दिष्ट अविच्छिन्न परिवीक्षा अवधि, यदि कोई हो, के बाद पुष्टि होती हो तब ग्रेड में नियुक्ति की तारीख इस परिवीक्षा अवधि के प्रारंभ होने की तारीख से गिनी जाएगी।

(भारतीय रेल स्थापना नियमावली -1989, 2009 के पुनः मुद्रित संस्करण का पैरा 307)

 

7.1 जब परिवीक्षा अवधि के बाद परिवीक्षा अवधि बढ़ाई जाए और इस बढ़ाई गई अवधि के बाद विच्छिन रूप से पुष्टि होती है तो ग्रेड या पद में नियुक्ति की तारीख, जब तक कि अन्यथा न कहा गया हो, परिवीक्षा अवधि प्रारंभ होने के बाद की तारीख से गिनी जाए। यह तारीख परिवीक्षा अवधि प्रारंभ होने की तारीख से उतनी ही आगे होगी जितनी अवधि के लिए परिवीक्षा अवधि बढ़ाई गई हो। उन मामलों में, जहां परिवीक्षा अवधि बढ़ाई न जाए और परिवीक्षा अवधि की समाप्ति पर कर्मचारियों को पुष्टि कर दी जाए, वहां ग्रेड या पद पर नियुक्ति की तारीख वह होगी जिस तारीख को कर्मचारी को प्रारंभिक प्रशिक्षण के लिए प्रशिक्षण विद्यालय में भेजा गया हो या जिस तारीख को उसने कार्य पद पर कार्यभार संभाला हो, इनमें जो भी पहले हो।

 

8. विभागीय परीक्षा/ व्यावसायिक परीक्षा

जहां किसी विशिष्ट अचयन पद पर पदोन्नति से पहले विभागीय या व्यावसायिक परीक्षण उत्तीर्ण करना शर्त के रूप में विहित किया गया हो, वहां अपनी देय पारी में और एक ही तारीख को या विभिन्न तारीखों को जिन्हें एक लगातार परीक्षा माना जाए, जैसी भी स्थिति हो, परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले रेल कर्मचारियों की वरिष्ठता उनकी अधिष्ठायी या मूल वरिष्ठता के संदर्भ में निश्चित की जाएगी।

(भारतीय रेल स्थापना नियमावली -1989, 2009 के पुनः मुद्रित संस्करण का पैरा 315)

 

8.1 यदि कोई रेल कर्मचारी, ऐसे कारणों से जो उसके नियंत्रण से बाहर हो, अन्य कर्मचारिर्यों के साथ अपनी पारी में परीक्षा/परीक्षण में बैठने में असमर्थ हों, तो जैसे ही वह प्राप्य हो, उसे तत्काल परीक्षा/ परीक्षण में बैठना होगा और यदि वह उसमें उत्तीर्ण हो जाए, तो वह पद पर पदोन्नति का उसी रूप में हकदार होगा जैसे उसने परीक्षा/परीक्षण अपनी पारी में ही उत्तीर्ण की हो।

 

टिप्पणीः-

 

क) ऊपर निर्दिष्ट अभिव्यक्ति उसके नियंत्रण से बाहर की व्याख्या में निम्नलिखित शामिल हैं:-

ⅰ) रेल कर्मचारी की बीमारी, जिसके समर्थन में प्राधिकृत चिकित्सा परिचारक का चिकित्सा प्रमाण पत्र हो,

ii) रेल कर्मचारी के परिवार के किसी सदस्य की इतनी गंभीर बीमारी कि रेल कर्मचारी से परीक्षा में बैठने की वास्तव में आशा न की जा सके। बीमारी के समर्थन में, प्राधिकृत चिकित्सा परिचारक का चिकित्सा प्रमाण-पत्र होना चाहिए।

iii) छुट्टी पर होने के कारण या मुख्यालय से अन्यत्र ड्यूटी पर होने के कारण या किसी और कारण से जो प्रशासन की स्वीकार्य हो, परीक्षा/परीक्षण की सूचना न मिलने का सिद्ध प्रमाण हो, और

iv) ऐसी परीक्षा अथवा परीक्षण के लिए प्रशासन रेल कर्मचारी को कार्यमुक्त न करता हो।

 

ख. यह परिशिष्ट 2 व 3 भारतीय रेल स्थापना नियमावली में विहित विभागीय परीक्षाओं पर लागू नहीं होगा।

(भारतीय रेल स्थापना नियमावली 1989, 2009 के पुनः मुद्रित संस्करण का पैरा 316) [भारतीय रेल स्थापना नियमावली 1989, 2009 के पुनः मुद्रित संस्करण का पैरा 306, 307, 308, 315 और 316]

II. स्वयं स्थानांतरण मांगने वाले कर्मचारियों की वरिष्ठताः

 

9. ऐसे मामलों में, जहां रेल कर्मचारी को एक रेलवे से दूसरो रेलवे में उसके स्वयं के अनुरोध पर स्थानांतरित किया जाता है, स्थानांतरित रेल कर्मचारी को नई स्थापना में पदोन्नति ग्रुप में संबद्ध ग्रेड में मौजूदा स्थायी तथा स्थानापन्न और अस्थायी रेल कर्मचारियों से नीचे रखा जाना चाहिए चाहे उसको स्थायी होने की तारीख कोई भी हो तथा स्थानापन्न अथवा अस्थाई सेवा की अवधि कितनी भी हो।

 

9.1 उपरोक्त सिद्धांत उसी रेलवे पर एक संवर्ग मंडल से दूसरे संवर्ग/मंडल में अनुरोध पर स्थानांतरण के मामले पर भी समान रूप से लागू होता है।

 

9.2 उपरोक्त सिद्धांत उन कर्मचारियों पर लागू नहीं होता है, जिन्हें पारस्परिक अदला-बदली के आधार पर उसी रेलवे पर एक वरिष्ठता इकाई से दूसरि पर स्थानांतरित किया जाता है।

 

9.3 उपरोक्त पैरा 9 में उल्लिखित पद "सुसंगत ग्रेड" उन ग्रेडों पर लागू होता है, जहां सीधी भर्ती भी की जाती है। ऐसे ग्रेडों में कार्यरत कर्मचारियों के स्थानांतरण के अनुरोध को इस शर्त पर स्वीकार किया जा सकता है कि वे पद पर सीधी भर्ती के लिए निर्धारित शैक्षिक अर्हता रखते हों। मध्यवर्ती ग्रेडों में जिनमें सभी पद निचले ग्रेड के कर्मचारियों की पदोन्नति द्वारा ही भरे जाते हैं और सीधी भर्ती नहीं की जाती है, इस प्रकार के स्थानांतरण की अनुमति नहीं दी जाएगी।

(प्राधिकारः रेल मंत्रालय का दि. 08.02.2000 का पत्र सं. ई (एनजी)।/99/टीआर/15 अग्रिम शुद्धि पर्ची सं.95)

 

9.4 मध्यवर्ती ग्रेडों में ऐसा कोई स्थानांतरण अनुमेय नहीं है जहां सभी पद पूर्णतः निम्न ग्रेडों से कर्मचारियों को पदोन्नति दवारा भरे जाते हैं और जहां सीधी भर्ती का तत्व नहीं है।

 

[ई (54)/एसआर 6/24/3 दिनांक 16.11.1954, ई.53/एसआर 6/21/3 दिनांक 17.11.1954, 8.12.1954, ई.55/एसआर 6/6/3 दिनांक 19.5.1955, ई.55/एसआर 6/16/3 दिनांक 27.2.1956, ई.53/एसआर 6/21/3 दिनांक 22.8.1955, ई (एनजी) 55/एस.आर 6/56 दिनांक 17.10.1956, ई (एनजी) 65 एसआर 6-31 दिनांक 30.9.1965, 8.12.1966, 1.4.1966, 1.12.1966, ई (एनजी) 1/69/एसआर 6/15 दिनांक 24.6.1969 और ई (एनजी) 1/85/एसआर 6/14 दिनांक 21.1.1986]

 III पारस्परिक अदला-बदली पर स्थानांतरणः

 

10. जिन रेल कर्मचारियों की परस्पर अदला-बदली आधार पर किसी मंडल कार्यालय या रेलवे के एक संवर्ग से दूसरे मंडल कार्यालय या रेलवे के तदनुरूप संवर्ग में स्थानान्तरण हो, उन कर्मचारियों की वरिष्ठता रोड में पदोन्नति की तारीख के आधार पर बनी रहेगी या वे उन रेल कर्मचारियों की वरिष्ठता का स्थान ले लेंगे, जिनके साथ उनका स्थानान्तरण हुआ है, दोनों में से जो भी नीचे हो।

 

10.1 दो विभिन्न ग्रेडों में कर्मचारियों के बीच परस्पर अदला-बदली स्थानांतरण की अनुमति भी दी जा सकती है परंतु यह अनुमति संवर्ग के मध्यवर्ती ग्रेड में नहीं बल्कि केवल भर्ती ग्रेड में ही है। परस्पर अदला- बदली स्थानांतरण की अनुमति की मांग करने वाले दोनों कर्मचारियों को लिखित में वचनबद्धता देनी होगी कि उन्हें भर्ती ग्रेड में अपने हित में बिना शर्त वापस आने और नई यूनिट में अपनी निम्नतम वरीयता की स्वीकृति देनी होगी।

 

(प्राधिकारः रेलवे बोर्ड का दि. 26.10.2018 का पत्र सं. ई (एनजी)।/2018/टीआर/8)

 IV. अर्हता प्राप्त तथा गैर-अर्हता प्राप्त लेखा लिपिकों की पारस्परिक अदला - बदली पर स्थानांतरण

 

11. गैर-अर्हता प्राप्त लेखा लिपिक अपने पुराने कार्यालय में धारित वरिष्ठता बनाए रखेगा अथवा अर्हता प्राप्त लिपिक की वरिष्ठता लेगा जिससे उसने परस्पर अदला-बदली की है, जो भी नीचे हो।

 

11.1 अर्हता प्राप्त लिपिक नीचे दर्शाई गई दो वरिष्ठताओं से नीचे रहेंगे:-

(क) पुराने कार्यालय में धारित उनकी वरिष्ठता अथवा गैर अर्हता प्राप्त लिपिक की वरिष्ठता, जिससे उसने नये कार्यालय में बदली की है, जो भी नीचे हो, अथवा

(ख) उसे नई इकाई में सभी अर्हता प्राप्त लिपिक ग्रेड । (स्थाई व अस्थाई दोनों) से नीचे रखा जाएगा।

 

11.2 ऐसे कर्मचारियों की पारस्परिक अदला-बदली से यथासंभव बचना चाहिए जो पदोन्नति के लिए पात्रता के मामले में बराबर नहीं है।

[दिनांक 27.9.1963 का पत्र सं. ई (एनजी) 63/एसआर 6/17]

V प्रशासनिक हित में स्थानांतरण

 

12. जहां कर्मचारियों को प्रशासनिक हित में एक वरिष्ठता इकाई से दूसरी में स्थानांतरित किया जाता है, वहां नई इकाई में उनकी वरिष्ठता स्थिति को बनाए रखा जाए। ऐसे स्थानांतरण तभी किए जाएं जब अति आवश्यक हो।

 

VI. अनुभाग अधिकारी (लेखा) या स्टेशन या भंडार लेखा निरीक्षक के रूप में पदोन्नति के लिए वरिष्ठताः

 

13. अनुभाग अधिकारी (लेखा) या स्टेशन या भंडार लेखा निरीक्षक के पद पर पदोन्नति के लिए वरिष्ठता उस तारीख के अनुसार गिनी जाएगी, जिस तारीख को उम्मीदवारों ने उन पदों पर पदोन्नति के लिए अर्हक परीक्षा उत्तीर्ण की हो। किसी वर्ष-विशेष में परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवार बाद के वर्षों में परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवारों से स्वाभाविक रूप से वरिष्ठ होंगे चाहे परीक्षा उत्तीर्ण करने से पहले उनकी परस्पर वरिष्ठता कुछ भी रही हो। उपर्युक्त परीक्षा का परिणाम प्राप्त होने पर, प्रत्येक रेलवे प्रशासन का उपर्युक्त चयन बोर्ड प्रत्येक ऐसे उम्मीदवार को उनकी सापेक्ष वरिष्ठता के आधार पर पैनल में तत्काल उचित स्थान प्रदान करेगा। किसी एक वर्ष में पैनल में रखे गए सभी कर्मचारी उन कर्मचारियों से वरिष्ठ होंगे जिन्हें बाद के वर्षों में पैनल में रखा जाएगा।

(प्राधिकार : रेलवे बोर्ड का दिनांक 14.12.2004 का पत्र सं. 2004/एसी-11/20/34 -एसीएस सं.170)

 

13.1 जैसे ही सीधी भर्ती वाले अनुभाग अधिकारी (लेखा) लागत लेखापाल और स्टेशन, लेखा निरीक्षकों, यदि कोई हों, को निर्धारित प्रशिक्षण पूरा होने के बाद कार्य पर्दों पर कार्यभार सौंपा जाये, उन्हें उन कोटियों की प्रोफार्मा पैनल में स्थान दिया जाए। उन्हें अनुभाग (लेखा) अधिकारी की इन कोटियों की इन कोटियों के ऐसे रिक्त स्थान पर, जो आकस्मिक न हो, स्थानापन्न रूप में कार्य कर रहे अंतिम व्यक्ति के नीचे स्थान देना हो वहां उनकी आपसी वरिष्ठता रेल भर्ती बोर्ड ‌द्वारा उनको दिए गए स्थान के संदर्भ में निश्चित की जाए। लागत लेखापालों को छोड़कर जिनके लिए परिशिष्ट-3 (भा.रे. स्था.नि) परीक्षा उत्तीर्ण करना अपेक्षित नहीं है, उन्हें इस प्रकार दी हुई उनकी वरिष्ठता बनी रहेगी बशर्ते वे निर्धारित अवधि के भीतर परिशिष्ट ।।। (भा.रे. स्था.नि.) परीक्षा उत्तीर्ण कर लें। यदि कोई सीधी भर्ती वाला अनुभाग अधिकारी (लेखा) निर्धारित अवधि के भीतर परीक्षा उत्तीर्ण न करें, तो उसे सेवामुक्त किया जा सकता है। लेकिन यदि उसे परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए एक और अवसर दिया जाए, तो इस प्रश्न पर कि वह मूल वरिष्ठता रख सकता है या नहीं प्रत्येक मामले में गुणावगुण के आधार पर विचार किया जाएगा। ऐसे मामले निर्णय के लिए रेलवे बोर्ड के पास भेजे जाने चाहिए। (भा.रे. स्था.नि. जिल्द ।-1989, 2009 पुनर्मुद्रित संस्करण का पैरा 317 (ख).)

XVII. लेखा विभाग में लेखा लिपिकों को कनिष्ठ लेखा सहायक के रूप में पदोन्नति होने पर वरिष्ठताः

 

14. कनिष्ठ लेखा सहायक को वरिष्ठता, पदोन्नत व्यक्ति की पदोन्नति की तारीख के संदर्भ में और सीधी भर्ती वाले की नियुक्ति के संदर्भ में निश्चित की जाएगी। परिवीक्षा की बढ़ाई गई अवधि के दौरान परिशिष्ट-2 (आईआरईएम) परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले सीधे भर्ती किए गए कनिष्ठ लेखा सहायकों की वरिष्ठता परिशिष्ट-2 परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले वर्ष के अनुसार निर्धारित की जाएगी। परिवीक्षा की बढ़ाई गई अवधि के दौरान परिशिष्ट-2 (आईआरईएम) परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले सीधे भर्ती किए गए कनिष्ठ लेखा सहायक वरिष्ठता में अपने बैच के अन्य व्यक्तियों से पौचे होंगे परनतु पदोन्नति पाने वालों से ऊपर होंगे।

 

[ई (एनजी) 1/65/एसआर 6/26 दिनांक 23.8.1965, ई (एनजी) 1/69/पीएम 1/20 दिनांक 25.7.1969, ई (एनजी) 1/78/ पीएम 1/304 दिनांक 5.1.1979, पीसी-III/78/यूपीजी/8 दिनांक 16.05.1980 और भा.रे. स्था.नि. जिल्द 1-1989, 2009 पुनर्मुद्रित संस्करण का पैरा 318, ई (एनजी) 1/2000/एसआर 6/20 दिनांक 24.04.2001]

 

14.1 स्वयं के अनुरोध पर स्थानांतरण पर लेखा कर्मचारियों की वरिष्ठता रेलवे बोर्ड के दिनांक 17.05.2005 के पत्र सं. 2004/एसी-11/20/34 में अंतर्विष्ट अनुदेशों के अनुसार विनियमित होगी।

 

14.2 आरआरबी के जरिए भर्ती किए गए कनिष्ठ लेखा सहायकों और लेखा क्लर्कों की वरिष्ठता भा.रे. स्था.नि. जिल्द 1-1989 के पैरा 303 (ख) के अनुसार विनियमित होगी।

 

VIII. अनुकंपा के आधार पर, खेलकुद तथा सांस्कृतिक कोटा आदि में नियुक्त किए गए कर्मचारियों को वरिष्ठताः

 

15. ऐसे कर्मचारियों की वरिष्ठता का परिकलन सेवा में उनकी नियमित नियुक्ति को तारीख से किया जाएगा।

 

IX. अनियत मजदूर एवं प्रतिनिधि की वरिष्ठता

 

16.1 जब एवजियों और नैमित्तिक श्रमिकों की स्क्रीनिंग करके नियमित पदों पर समाहित किया जाता है तब उनकी वरिष्ठता का परिकलन नियमित समाहन की तारीख से किया जाएगा।

 

16.2 बहरहाल, स्क्रीनिंग के प्रयोजन के लिए उनकी वरिष्ठता उनके द्वारा नैमित्तिक श्रमिक के रूप में किए गए काम के कुछ दिनों के आधार पर आकलित की जाएगी।

(ई (एनजी)।।/83/सीएल/एससी/9 दि.7.5.83, ई (एनजी) । /69/ एसआर 6/25 दि. 1.11.69 और ई (एनजी)।/80/

एसआर 6/21 दि.5/8.7.80)

 

X. सर्वेक्षण/निर्माण परियोजनाओं तथा चालू लाइन में कार्यरत कर्मचारियों की वरिष्ठता

 

17. चालू लाइन तथा सर्वेक्षण और निर्माण परियोजनाओं के कर्मचारियों का संयुक्त संवर्ग होना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चालू लाइन और निर्माण कर्मचारियों के बीच पदोन्नति की संभावनाओं में असमानता न रहे। तथापि सर्वेक्षण और निर्माण परियोजनाओं के कर्मचारियों को कार्य की तात्कालिकता के आधार पर चालू लाइन के कर्मचारियों से एक ग्रेड अधिक पदोन्नति देने में कोई आपत्ति नहीं है। यह लाभ ग्रुप बी के पदों में प्रवरण के लिए पात्रता सहित किसी भी प्रयोजन के लिए ध्यान में नहीं लिया जाएगा।

 

17.1 संवर्ग को मिलाने में सर्वेक्षण और निर्माण कर्मचारियों को वह वरिष्ठता दी जाएगी जो उन्हें चालू लाइन में प्राप्त हुई होती यदि वे सर्वेक्षण निर्माण परियोजनाओं में काम न करते रहते।

 

17.2 उपर्युक्त लाभ रेल भर्ती बोर्ड (पहले रेल सेवा आयोग) की एजेंसी के बिना सर्वेक्षण और निर्माण परियोजनाओं में स्थानीय तौर पर भर्ती किए गए व्यक्तियों को नहीं दिया जाएगा।

 

सर्वेक्षण और निर्माण परियोजनाओं की तरह स्थानीय तौर पर भर्ती किए गए कर्मचारियों की पारस्परिक वरिष्ठता समाहित किए जाने वाले विभाग में रखी जाए चाहे उनकी वास्तविक समाहन की तारीख कोई भी हो बशर्ते कि:-

 

(क) समाहन के लिए निर्धारित स्क्रीनिंग के बाद उन्हें उपयुक्त पाया गया हो, और

(ख) ऐसा कोई विशिष्ट प्रवरण न हुआ हो जिसमें उनकी पहले की वरिष्ठता प्रभावित हुई हो।

 

17.3 तथापि ऐसे मामलों में जहां कर्मचारी उनके स्वयं के अनुरोध पर सर्वेक्षण और निर्माण परियोजनाओं में काम करना जारी रखते हैं वहां यह लाभ स्वीकार्य नहीं है।

(ई (एनजी)/65/आरई/1/8 दि.15.4.65, ई (एनजी) /63/आरई/1/32 दि.20.12.65, ई (एनजी)/70/एसआर/6/43 दि. 13.3.72 एवं 17.8.72 और ई (एनजी) / 72/आरई/1/41 दि.27.11.73)

XI. चिकित्सा की दृष्टि से विकोटिकृत कर्मचारियों की वरिष्ठताः

 

18. चिकित्सा की दृष्टि से विकोटिकृत किए जाने के कारण वैकल्पिक पदों में चाहे उसी या दूसरे संवर्ग में आमेलित किए गए कर्मचारियों की वरिष्ठता समकक्ष या तदनुरूपी ग्रेड में की गई सेवा की अवधि के संदर्भ में दी जानी चाहिए। इसमें आमेलन के ग्रेड में नियत की गई वेतन दर पर विचार नहीं किया जाना चाहिए। जो कर्मचारी चिकित्सा की दृष्टि से विकोटिकृत ठहराए जाने के समय आमेलन के ग्रेड से ऊंचे ग्रेड में हों, उनकी वरिष्ठता निश्चित करने में समकक्ष और ऊंचे ग्रेड में कुल सेवा हिसाब में की जानी चाहिए। यह इस परंतुक के अध्यधीन है कि यदि चिकित्सा की दृष्टि से विकोटिकृत ठहराया गया कर्मचारी उसी संवर्ग में आमेलित कर दिया जाए जिससे प्रारंभ में उसकी पदोन्नति हुई थी, तो उसे आमेलन के ग्रेड में तत्कालीन वरिष्ठ कर्मचारियों से ऊपर स्थान नहीं मिलेगा।

 

18.1 चिकित्सा की दृष्टि से विकोटिकृत ठहराए गए रनिंग कर्मचारियों को वैकल्पिक पदों में आमेलित करते समय, समय-समय पर प्रशासनिक अनुदेशों के माध्यम से सरकार द्वारा यथा विनिश्चित रनिंग भत्ते में वेतन तत्व के रूप में मूल वेतन का एक निश्चित प्रतिशत समकक्ष पदों को पहचान के प्रयोजनार्थ वेतन के न्यूनतम तथा अधिकतम वेतनमान में दिया जाना चाहिए। तत्पश्चात उनकी वरिष्ठता समकक्ष आमेलक पर्दा में निश्चित की जानी चाहिए।

 

18.2 उन कर्मचारियों के मामले में, जिनको आवधिक स्वास्थ्य परीक्षा कराने की आवश्यकता नहीं है परन्तु जो अपने स्वेच्छा से स्वास्थ्य के आधार पर संवर्ग को बदलने का अनुरोध करते हैं और स्वास्थ्य प्राधिकारी द्वारा संस्तुत किए जाते हैं उनका स्वयं के अनुरोध पर कोटि परिवर्तन स्थानान्तरण माना जाएगा और पैरा-9 के अनुसार उस पर कार्रवाई की जाएगी।

 

18.3 जो कर्मचारी सबसे निम्नतम वरिष्ठता स्वीकार करते हुए दूसरी इकाई पर स्थानांतरण पर आते हैं बाद में डाक्टरी दृष्टि से विकोटिकृत घोषित कर दिए जाते हैं उन्हें विकोटीकरण के पश्चात वरिष्ठता के निर्धारण के लिए नई इकाई में की गई सेवा का लाभ मिलेगा।

 

18.4 कभी-कभी समकक्ष ग्रेड में रिक्तियां उपलब्ध न होने के कारण, डाक्टरी दृष्टि से विकोटीकृत कर्मचारी को निम्न ग्रेड में समाहन की पेशकश करनी होती है। कुछ मामलों में ऐसे कर्मचारी इस आशा से निम्न ग्रेड अस्वीकार कर देते हैं कि उच्चतर वेतनमान में रिक्ति होने वाली है। ऐसे कर्मचारी इस बात के लिए स्वतंत्र हैं कि वे इस अनुरोध के साथ निम्न वेतनमान में नियुक्ति स्वीकार करें कि यदि उसी संवर्ग में उस ग्रेड के समकक्ष की रिक्ति होती है जिस ग्रेड में वह विकोटिकरण से पहले था तो उसे डाक्टरी दृष्टि से विकोटिकृत कनिष्ठ कर्मचारी के अधिमान में इसके लिए पात्र समझा जाना चाहिए। हालांकि ऐसी स्थिति आने पर कर्मचारी से आवेदन-पत्र देने की आशा की जाती है, फिर भी प्रशासन के लिए स्वतः ही यह आवश्यक हो जाता है कि वह किसी संवर्ग में बाद में विकोटिकृत किसी कर्मचारी के समाहन पर विचार करते समय ऐसे मामलों को देखें जहां विगत तीन वर्षों में विकोटिकृत किए गए वरिष्ठ कर्मचारी निचले ग्रेडों में समाहित किए गए हों और इसकी समीक्षा करें। (11.4.75 से पहले निर्णित मामलों को दोबारा न खोला जाए जब तक कि बहुत आपवादिक परिस्थितियां न हों।)

 

18.5 उपर्युक्त पैरा 17.4 में उल्लिखित समीक्षा के परिणामस्वरूप पहले से ही समाहित और उच्चतर ग्रेड में कार्य कर रहे कनिष्ठ कर्मचारी को इस आधार पर न हटाया जाए कि वरिष्ठ कर्मचारी को रखा जाना है। उरिष्ठ कर्मचारी को ग्रेड में उत्पन्न हुई अगली रिक्ति पर पदोन्नत किया जाए और ग्रेड में सापेक्ष वरिष्ठता डाक्टरी दृष्टि से विकोटिकरण की स्थिति को ध्यान में रखते हुए पुनः निर्धारित की जाए।

 

18.6 जब कोई कनिष्ठ कर्मचारी समकक्ष ग्रेड में पहले से ही समाहित कर लिया गया हो और वरिष्ठ कर्मचारी अगले तीन वर्ष की अवधि के दौरान डाक्टरी दृष्टि से विकोटिकृत घोषित कर दिया जाए तथा उसे एक कनिष्ठ कर्मचारी की तरह अवश्य ही उसी संवर्ग में समाहित किया जाना हो परन्तु उस ग्रेड में कोई भी रिक्ति उपलब्ध न हो तो उसे इस शर्त पर अस्थाई तौर से कनिष्ठ ग्रेड में समाहित किया जाए कि वरिष्ठ ग्रेड में उत्पन्न होने वाली अगली रिक्ति पर उसे नियुक्त किया जाएगा। ऐसी रिक्ति होने पर और उस पर उसे नियुक्त किए जाने पर वरिष्ठता पुनः निर्धारित की जाए जैसे कि उपर्युक्त पैरा 17.5 में कहा गया है।

 

18.7 ऐसे मामले हो सकते हैं जहां एक वरिष्ठ कर्मचारी को विकोटिकरण से पहले उसकी स्थिति को ध्यान में रखते हुए किसी ग्रेड में समाहित किया गया हो और उसके बाद एक कनिष्ठ कर्मचारी उच्चतर ग्रेड पर पदोन्नत किया गया हो परन्तु अंततः डाक्टरी दृष्टि से विकोटिकृत हो जाता है औक उच्चतर ग्रेड में वैकल्पिक विनियोजन के लिए पात्र हो जाता है। यह आशय नहीं है कि ऐसे मामले, जो समय बीत जाने के कारम घटित हुए हों उनकी दुबारा समीक्षा की जाए।

 

18.8 डाक्टरी दृष्टि से अयोग्य सीधी भर्ती वाले ऐसे कर्मचारी जिन्हें वैकल्पिक नियोजन की पेशकश की गई हो, उन्हें नयी कोटि के मौजूदा पैनल में सबसे नीचे रखा जाए परन्तु उन कर्मचारियों से वरीयता दी जाए जिन्हें उस कोटि में अनुवर्ती पैनल से नियुक्ति की पेशकश की जाती है।

 

(ई.55/एसआर6/15/3 दिनांक 22.10.1956, ई. (एनजी) 56/ एसआर 6/15 दिनांक 14.3.1957, ई. (एनजी) 63/एसआर6/31 दिनांक 26.8.1964, ई. (एनजी) II/ 68/ एसआर 6/32 दिनांक 26.10.1971, ई. (एनजी) ।। 73/आरई 1/16 दिनांक 11.4.1975, ई (एनजी) 11-76/एस.आर6/37 दिनांक 18.9.1976, ई. (एनजी) 1-71 एसआर 6/39 दिनांक 31.5.1977, ई. (एनजी) 1-78/एसआर 6/6 दिनांक 11.1.1979, ई. (एनजी) 11/77/आरई3/2 दिनांक 2.9.1977, ई (एनजी) 1/80/ एसआर6/83 दिनांक 5.3.1981, भा.रे. स्था. नि. का पैरा 313 (क) (iii) और पैरा 313 (ख) 1989, 2009 का पुनर्मुद्रित संस्करण)।

 

18.9   29.04.1999 से पैरा 17 और उप-पैरा 17.1 से 17.8 तक के प्रावधान उसी सीमा तक संशोधित होंगे, जब तक कि भा.रे. स्था. नि., वॉल्यूम. 1, 1989, 2009 के पुनर्मुद्रण संस्करण के प्रावधानों के अध्याय XIII असंगत नहीं हैं, एसीएस के रूप में संशोधित संस्करण सं.77 बोर्ड के दिनांक 29.04.1999 के पत्र सं.ई (एनजी) 1-96/आरई-3/9 (2) के तहत जारी किया गया है, जो उपयुक्त वैकल्पिक पदों पर डाक्टरी दृष्टि से विकेटिकृत / अयोग्य/दिव्यांग रेल सेवकों को समान वेतनमान प्रदान करता है।

 

XII. ऐसे कर्मचारियों को वरिष्ठता जो प्रारम्भ में डाक्टरी दृष्टि से विकोटिकृत हैं परन्तु बाद में उपयुक्त घोषित किए गए हों:

 

19. जो कर्मचारी अपील के लिए निर्धारित समय-सीमा के अन्दर उचित रूप से अपील करते हैं या जिनकी अपील पर समय सीमा के अन्तर्गत यथोचित अवधि में विचार किया जाता है और वे योग्य घोषित कर दिए जाते हैं वे अपनी वरिष्ठता या मूल कोटि में पदोन्नति के लिए विचार किए जाने के अपने दावे नहीं गवाएंगे।

19.1 अन्य कर्मचारियों के संबंध में, चाहे वे कर्मचारी हों जो विलंब से अपील प्रस्तुत करते हैं और उपयुक्त घोषित कर दिए जाते हैं या ऐसे कर्मचारी हों जिन्होंने इलाज करवाया हो तथा बाद में उपयुक्त घोषित कर दिए गए हों, यद्यपि उन्हें उनको मूल कोटि में पुनः तैनात करने की अनुमति दी जाए। उनकी वरिष्ठता, यदि वे पहले से स्थायी समझे जाते हों, ऐसे कर्मचारी से प्रभावित होगी जिसे मूल कोटि में उसके पुनः समाहन से पहले स्थायी कर दिया गया हो या स्थायी समझा जाता हो। बहरहाल, यदि वे मूल कोटि में स्थानापन्न रूप से कार्य कर रहे हों, तो पुनः पदस्थापित होने पर उनकी वरिष्ठता उन कर्मचारियों से नीचे होगी जो तब तक स्थायी कर दिए गए हैं परन्तु उनके मूल कनिष्ठों को तुलना में, जो अभी भी स्थानापन्न रूप से कार्य कर रहे हाँ, से प्रभावित नहीं होगी।

 

(ई. (एनजी) 55/एसआर 6/15/ दिनांक 30.06.1959, 25.8. 1959 और ई. (एनजी) 64/ एसआर6/31 दिनांक 18.3.1964)

 

19.2 रेलवे सेवक, जिनकी सेवाएं या तो समाप्त हो गई हैं, क्योंकि सभी छुट्टी की अधिकतम सीमा पार हो गई है या चिकित्सा प्राधिकारी, फुफ्फुसीय और कुष्ठ रोगियों के मामले में असाधारण छुट्टी देने की सिफारिश नहीं कर सकते हैं और रेलवे सेवा में फिर से नियुक्त हैं मेडिकल अथॉरिटी द्वारा काम करने के लिए फिट घोषित किए जाने पर, सभी स्थायी रेल सेवकों को अपने पुनः रोजगार की तारीख से पहले वरिष्ठता लेनीचाहिए, बशर्ते कि वे मेडिकल से पहले स्थायी थे या इस बीच पुष्टि की गई होगी। रेल सेवक जो मेडिकल अयोग्य के समय स्थानापन्न थे या अस्थायी थे या इस बीच की पुष्टि नहीं की गई थी, उन्हें कार्यवाहक या अस्थायी कर्मचारियों से नीचे रखा जाना चाहिए क्योंकि मामला उनके पुनः नियुक्ति की तारीख पर हो सकता है। (प्राधिकारः भा.रे.स्था.नि. वॉ.1 के पैरा 313 (ग)

 XIII पदोन्नति पर कर्मचारियों को वरिष्ठता-प्रवरण तथा गैर-प्रवरण पदः

 

20. प्रवरण पदों के मामले में उम्मीदवारों के नाम वरिष्ठता के क्रम में रखे जाएं किन्तु 80 प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वालों को उत्कृष्ट श्रेणी में रखा जाएगा और उन्हें पैनल में वरिष्ठता के अनुसार उच्चतर स्थान पर रखा जाएगा लेकिन यह संख्या पात्रता के क्षेत्र में उनसे वरिष्ठ कर्मचारियों को संख्या के 50% से अधिक होगी।

 

20.1 (क) अचयन पदों पर पदोन्नति, वरिष्ठता एवं उपयुक्तता के आधार पर होगी, उपयुक्तता की जांच पद को भरने वाले सक्षम प्राधिकारी द्वारा, मौखिक और/या लिखित परीक्षा या विभागीय परीक्षा या ट्रेड परीक्षा या सर्विस रिकार्ड की संवीक्षा, जैसा भी आवश्यक समझा जाए, के आधार पर की जाएगी। इसका अपवाद केवल वे मामले में होंगे जहां प्रशासनिक सुविधा जिसे लिखित रूप में रिकार्ड किया जाएगा, को ध्यान में रखते हुए सक्षम प्राधिकारी, वरिष्ठतम उपयुक्त रेल कर्मचारी को छोड़कर किसी अन्य रेल कर्मचारी को विशुद्धतः तदर्थ आधार पर स्थानापन्न रूप में अल्पावधि रिक्ति के लिए जो नियमतः दो महीने और किसी भी स्थिति में चार महीने से अधिक न हो, नियुक्त करना आवश्यक समझे तथापि इससे कनिष्ठ रेल कर्मचारी को कोई ऐसा लाभ नहीं मिलेगा, जो उसको अन्यथा न मिलना हो और न ही उसे अपने उन वरिष्ठों की अपेक्षा जो उपयुक्त पाए जाएं, उसी पद पर बने रहने का कोई अधिकार प्राप्त होगा। यदि एक रेल कर्मचारी की उसकी बारी पर उपयुक्त पाए जाने पर एक बार किसी ऐसी रिक्ति में पदोन्नति हो जाए जो आकस्मिक न हो तो उसे उस ग्रेड मैं उन सबसे वरिष्ठ माना जाए जिनकी पदोन्नति उनके उपयुक्त पाए जाने पर बाद में हुई हो। पदोन्नति के लिए रेल कर्मचारी की उपयुक्तता उच्च ग्रेड में रिक्ति होने की तारीख को या उसके यथासंभव नजदीक की तारीख को जांची जानी चाहिए।

 

(ख) यदि कोई कर्मचारी, पिछले परीक्षण में अर्हता प्राप्त करने के बाद ऐसी रिक्ति में पदोन्नति प्राप्त कर हो जो आकस्मिक न हो, लेकिन बाद का परीक्षण होने से पहले निम्न ग्रेड में प्रतिर्वार्तत हो जाए, तो वह उन सबसे वरिष्ठ होगा जो बाद के परीक्षण में अर्हता प्राप्त करेंगे। ऐसे कर्मचारियों को जिन्होंने आकस्मिक रिक्त स्थानों में स्थानापन्न रूप में कार्य किया हो या स्थानापन्ज रूप में कार्य ही न किया हो, बाद में पदोन्नति होने पर वरिष्ठता के संबंध में किसी प्रकार का संरक्षण नहीं दिया जाएगा।

 

20.2 कोई कर्मचारी जो बीमारी, समय पर सूचना न मिलने आदि जैसे कारणों जो उसके नियंत्रण से बाहर हैं. से चयन/उपयुक्तता परीक्षा में उपस्थित न हो सका हो, तो उसे यथोचित समय में पूरक चयन/परीक्षा का अवसर दिया जाना चाहिए और उपयुक्त पाए जाने पर उससे पहले पदोन्नति किए गए कनिष्ठ कर्मचारियों की तुलना में प्रोफार्मा वरिष्ठता स्थिति में रखा जाना चाहिए।

 

20.3 किसी कर्मचारी ने पैनल में नीचे रखे जाने पर स्थानापन्न रूप से कार्य किया है लेकिन उससे वरिष्ठ कर्मचारी ने बीमारी, प्रशासन द्वारा समय पर न छोड़े जाने आदि की वजह से स्थानापन्न रूप से कार्य नहीं किया हो तो बाद के कर्मचारी की वरिष्ठता समाप्त नहीं होगी। लेकिन यदि वरिष्ठ कर्मचारी ने अपने स्वयं के कारणों की वजह से स्थानापन्न रूप से कार्य न किया हो तो वह अपनी वरिष्ठता के संरक्षण के लिए हकदार नहीं होगा।

 

20.4 जिस कर्मचारी के बारे में विदेश में प्रतिनियुक्ति पर रहने के कारण प्रवरण/उपयुक्त्तता परीक्षा के लिए विचार नहीं किया जा सका हो तो वापस आने पर यदि यह पाया जाए कि उससे कनिष्ठ कर्मचारी को उस प्रवरण/उपयुक्त्तता परीक्षा के आधार पर पदोन्नत किया गया है जिसके लिए उनको बुलाया नहीं गया था तो उसके बारे में अगले प्रवरण/उपयुक्त्तता परीक्षा के लिए विचार किया जाए तथा यदि चुन लिए जाए तो उनकी वरिष्ठता पहले के पैनल के कनिष्ठ कर्मचारियों की तुलना में समायोजित कर ली जाए।

 

20.4.1 प्रवरण पद के मामले में, यदि उपरिनिर्दिष्ट किसी कर्मचारी को उत्कृष्ट के रूप में वर्गीकृत किया जाता है तो उसे बाद के प्रवरण में वरिष्ठता तथा ग्रेडेशन के अनुसार पहले के पैनल में अन्तविष्ट कर लिया जाए।

 

20.5 (क) एससी/एसटी रेल सेवक आरक्षण रोस्टर के नियम के कारण अपनी पदोन्नति पर परिणामी वरिष्ठता के भी हकदार होंगे; और

 

(ख) यह 17 जून 1995 से लागू होगा।

(रेलवे बोर्ड का दि. 8.3.2002 का पत्र सं.ई (एनजी)।-97/ एसआर/6/3 (वाल्यूम-।।।)

 

20.6 पदोन्नति से इन्कार का प्रभावः-

(क) प्रवरण पदः जिस कर्मचारी ने पदोन्नति के लिए स्पष्ट रूप से या अन्यथा इन्कार कर दिया हो तो उसे एक वर्ष के लिए आगे पदोन्नति कि लिए वंचित कर दिया जाता है परन्तु उसे स्टेशन में उसी पद पर एक वर्ष तक रहने की अनुमति दी जाती है यदि कर्मचारी पुनः पदोन्नति के लिए इन्कार कर देता है तो उ सका नाम पैनल से हटा दिया जाएगा। उसे इस तथ्य के बावजूद भी प्रवरण में पुनः बैठना होगा कि इस बीच उसने पैनल में उसको स्थिति के आधार पर अल्पकालिक रिक्ति पर लगातार स्थानापन्न रूप से कार्य किया है। वरिष्ठता पदोन्नति की तारीख से निश्चित की जाएगी और वह उन सभी व्यक्तिर्यों से कनिष्ट होगा जो उसी पैनल से उससे पहले पदोन्नत किए गए हैं चाहें पैनल में उसकी स्थिति कुछ भी रही हो। लेकिन, बाद में नए सिरे से आयोजित किए गए प्रवरण के फलस्वरूप दंड को वर्ष की अवधि के दौरान उसी पदोन्नति कोटि में पदोन्नत किए गए दूसरे कर्मचारी से उसकी वरिष्ठता नीचे नहीं होगी।

 

(ख) गैर-प्रवरण पद. ऐसा कर्मचारी पदोन्नति के लिए एक वर्ष के लिए वंचित हो जाएगा परन्तु उसे एक वर्ष के लिए स्टेशन से दूर स्थानांतरित नहीं किया जाएगा। यदि अपरिहार्य घरेलू कारण हों, यदि वह पुनः पदोन्नति के लिए इंकार करता है तो उसे एक वर्ष के लिए पदोन्नति के लिए और वंचित कर दिया जाना चाहिए। दूसरी बार पदोन्नति के लिए इंकार करने पर, प्रशासन उसे उसी ग्रेड में बाहर के स्टेशन पर स्थानांतरित कर सकता है तथा कर्मचारी को पदोन्नति के लिए उसकी बारी आने पर उसे उपयुक्त्तता परीक्षा में बैठना होगा। वह उन सभी कर्मचारियों से रैंक में कनिष्ठ होगा जो उस अवधि के दौरान पदोन्नत किए गए थे जिसके दौरान उसने पदोन्नति के इंकार किया था चाहे उसमें सापेक्ष वरिष्ठता कुछ भी हो तथापि बाद में उपयुक्त्तता पीरक्षा के परिणामस्वरूप, दंड को एक वर्ष की अवधि के दौरान उसी कोटि में पदोन्नत हुए अन्य कर्मचारी से वह वरिष्ठता नीचे नहीं होगी।

 

20.7 बड़ी घरेलू समस्याओं अथवा अन्य मानवीय दृष्टिकोणों के आधार पर प्रशासन बृहत अन्य अवधियों के लिए पदोन्नति को स्थगित रखने के कर्मचारी के अनुरोध पर विचार कर सकता है। उस अवधि के पश्चात संबंधित कर्मचारी पदोन्नत कर दिया जाएगा बशर्ते रिक्ति उपलब्ध हो तथा पदोन्नति की तारीख से उसे वरिष्ठता मिलेगी।

 

20.8 अनुभाग अधिकारी (लेखा), स्टेशन निरीक्षक/भंडार लेखा, द्वारा पदोन्नति से इंकार करने के मामले में –

 

(i) संबंधित कर्मचारियों को प्रत्येक अवसर पर जब वे पदोन्नति लेने से मना करें, एक वर्ष के लिए पदोन्नति से वर्जित कर दिया जाना चाहिए।

(ii) उन पर पदोन्नति के लिए तभी विचार किया जाना चाहिए, जब वर्ष की समाप्ति के बाद कोई रिक्ति हो, तथा

 

(iii) उन्हें पदोन्नति की तारीख से ही वरिष्ठता दी जाएगी। ऐसी स्थिति में वे उन सभी व्यक्तियों से कनिष्ठ रहेंगे, जो वर्जना की अवधि के दौरान उसी पैनल से और साथ ही उत्तरवर्ती पैनल (पैनलों) से आए हुए हैं।

 

 (रेलवे बोर्ड का पत्रसं. ई (एनजी)।-91/पीएम/9/7 दिनांक 13.02.1992)

(ई.54/पीएम/1/19/3 दि. 4.4.1955, ई (एनजी) 62/पीएम/1/91 दि.9.8.65, ई (एनजी) 1/72/पीएम/1/211 दि.14.12.72, ई (एनजी) ।/70/पीएम/1/168 दि.3.9.76, ई (एनजी) 1/78/पीएम/1/142 दि.25.7.79, 27/30,10.79, ई (एनजी) 1/77/पीएम/1/269 दि.3.5.80 और ई (एनजी) 1/80/पीएम/1/80 दि.31.12.80)

 

20.9 पदोन्नति से इंकार के लिए शास्ति एक बार पदोन्नति किए जाने के बाद ग्रेड में परावर्तन चाहने के मामलों में लागू होगी। (प्राधिकारः आईआरईएम, वाल्यूम। के पैरा 224 के नीचे टिप्पण 4)

XIV गलत पदोन्नतियां :

21. कभी-कभी प्रशासन की गलती के कारण उच्च ग्रेडों में पदोन्नति के लिए कर्मचारियों को नजरअंदाज कर दिया जाता है। वह या तो पात्र कर्मचारियों की सापेक्ष वरिष्ठता के गलल निर्धारण अथवा चयन बोर्ड के समक्ष पूरे तथ्य न रखने के कारण हो सकता है। मोटे तौर पर, ये दो प्रकार से हो सकता है:-

 

(क) जहां प्रशासनिक गलती के कारण एक व्यक्ति बिलकुल ही पदोन्नत न किया गया हो; तथा

(ख) जहां एक व्यक्ति पदोन्नत तो कर दिया गया है परन्तु उस तारीख से नहीं जिससे उसे पदोन्नत कर दिया गया होता यदि प्रशासनिक गलती न हुई होती।

 

21.1 ऐसे प्रत्येक मामले पर गुण-दोष के आधार पर विचार किया जाना चाहिए। वे कर्मचारी जो प्रशासनिक गलती के कारण पदोन्नत नहीं हुए हैं, पदोन्नति होने पर पहले से ही कार्य कर रहे उनसे कनिष्ठ कर्मचारियों की तुलना में उनकी सही वरिष्ठता निश्चित की जानी चाहिए चाहे उनकी पदोन्नति की तारीख कोई भी हो।

 

21.2 किसी पद पर मूल अथवा स्थानापन्न क्षमता से कार्य करने वाले रेल कर्मचारीकी नियुक्ति अथवा पदोन्नति की अधिसूचना के आदेश यदि बाद में तथ्यों के आधार पर गलत पाए जाएं तो उन्हें रद्द कर दिया जाना चाहिए तथा रेल कर्मचारी की निर्धारित प्रक्रिया का अनुसरण करके तत्काल उस स्थिति में लाना चाहिए जिसमें वह होता यदि नियुक्ति पर पदोन्नति के गलत आदेश न दिए गए होते।

21.3 संबंधित रेल कर्मचारी दद्वारा उस पद पर जिसमें उसे गलती से पदोन्नत कर दिया गया था, की गई सेवा को उस ग्रेड में वेतनवृद्धि अथवा किसी अन्य प्रयोजन के लिए नहीं गिना जाना चाहिए।

 

21.4 गलत पदोन्नति के परिणामस्वरूप की गई अनुवर्ती पदोन्नतियों/नियुक्तियों को भी उपर्युक्त उल्लिखिल पद्धति के अनुसार नियमन करना अपेक्षित होगा।

(ई (एनजी) 63/पीएम/1/43 दिनांक 6.9.63 और ई (एनजी) 63/पीएम/1/92 दिनांक 17.9.64)

 

XV अधिशेष कर्मचारियों की वरिष्ठता

 

22. पुनः तैनात अधिशेष कर्मचारियों की वरिष्ठता का निर्धारणः

 

अधिशेष कर्मचारी नई इकाई विभाग में उनकी वरिष्ठता के प्रयोजनार्थ पूर्ववर्ती इकाई/विभाग में प्रदान की गई विगत सेवा के लाभ के हकदार नहीं है। ऐसे कर्मचारियों को उनकी वरिष्ठता पदोन्नति आदि के मामले में नया प्रवेशकर्ता माना जाएगा।

 

जब किसी इकाई/विभाग में ग्रेड विशेष में दो या उससे अधिक कर्मचारी किसी अन्य इकाई/विभाग में किसी रोड में आमेलन हेतु विभिन्न तारीखों पर चुने जाते हैं तो पश्चवर्ती इकाई में उनकी पारस्परिक वरिष्ठता उनकी पूर्ववर्ती इकाई/विभाग के समान होगी, बशर्ते किः-

(i) उन तारीखों के बीच उस रोड में नियुक्ति हेतु किसी सीधी भर्ती का चयन नहीं हुआ हो; और

(ii) उन तारीखों के बीच उस ग्रेड में नियुक्ति हेतु किसी प्रोमोटी का चयन नहीं हुआ हो।

 

जब किसी इकाई/विभाग में ग्रेड विशेष में दो या उससे अधिक अधिशेष कर्मचारी किसी अन्य इकाई/विभाग में किसी ग्रेड में पुनः तैनाती हेतु साथ-साथ चुने जाते हैं तो पश्चवर्ती इकाई/विभाग में पुनः तैनाती पर उस ग्रेड विशेष में उनकी पारस्परिक वरिष्ठता उनकी पूर्ववर्ती इकाई/विभाग के समान होगी।

 

 (प्राधिकारः रेल मंत्रालय का दिनांक 25.05.2004 का पत्र सं.ई (एनजी)-1/2000/एसआर/6/28 अग्रिम शुद्धिपर्ची स. 159)

 

23. वरिष्ठता पर दंड स्वरूप वेतन या ग्रेड में अवनति होने का प्रभावः-

 

(i) काल वेतनमान में निम्न स्तर पर अवनति वेतन में कमी होने से जो एक उच्च ग्रेड़ या श्रेणी से निम्न ग्रेड या श्रेणी में अवनति से भिन्न है, वरिष्ठता सूची में रेल कर्मचारी के स्थान पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। वेतन में कमी का आदेश देने वाले प्राधिकारी को निरपवाद रूप से वह अवधि अवश्य बतानी चाहिए जिस अवधि के लिए आदेश लागू रहेगा और साथ में यह भी बताना चाहिए कि पुनःस्थापन पर वेतन में कमी की अवधि के कारण कर्मचारी की भावी वेतनवृद्धि स्थगति होंगी या नहीं और यदि होगी तो कितनी अवधि के लिए।

 

(ii) निम्न सेवा ग्रेड या पद पर या निम्न काल वेतनमान में अवनति।

(क) जहां अवनति शास्ति आदेश में अवनति की अवधि न दी गई हो और आदेश में रेल कर्मचारी की स्थायी रूप से पदोन्नति के लिए अयोग्य घोषित किया गया हो वहां स्पष्टतः पुनः पदोन्नति या वरिष्ठता निश्चित करने का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होगा।

  

(ख) जहां अवनति शास्ति आदेश में अवनति अवधि न दी गई हो, वहां रेल कर्मचारी को अनिश्चित काल के लिए अवनत माना जाए अर्थात उस तारीख तक जब तक अवनति के आदेश के बाद उसके काम के आधार पर उसे पदोन्नति के लिए योग्य न समझा जाए। पुनः पदोन्नति होने पर ऐसे रेल सेवक की वरिष्ठता पुनः पदोन्नति होने की तारीख से निश्चित की जानी चाहिए। ऐसे सभी मामलों में व्यक्ति उच्च सेवा रोड या पद में मूल वरिष्ठता पूरी तरह खो देता है। पुनः पदोन्नति पर ऐसे रेल कर्मचारी की वरिष्ठता अवनति से पहले ऐसे ग्रेड या पद में की गई सेवा पर विचार किए बिना पुनः पदोन्नति की तारीख से निश्चित की जानी चाहिए।

 

(ग) उन मामलों में जहां किसी निम्न सेवा ग्रेड या पद या निम्न काल वेतनमान में अवनति शास्ति विशेष अवधि के लिए दी गई हो वहां संबंधित कर्मचारी को उसी पद पर जिस पद से अवनति हुई थी; स्वतः पुनः पदोन्नति की जानी चाहिए। ऐसे मामलों में मूल सेवा ग्रेड या पद या काल वेतनमान में रेल सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियम 1968 के नियम 6 (vi) में अंतर्विष्ट प्रावधानों के अनुसार नियत की जानी चाहिए जैसा कि रेलवे बोर्ड के दिनांक 22.02.1974 के पत्र सं.ई (डी एंड ए)/73/आरजी

6-5 और दिनांक 28.11.2002 के पत्र सं.ई (डी एंड ए) / 2001/आरजी 6-58 के तहत स्पष्ट किया गया है।

 

 (प्राधिकारः रेलवे बोर्ड का दिनांक 10.08.2007 का पत्र सं.ई (डी एंड ए)/2007/आरजी 6-24 अग्रिम शुद्धि पर्ची सं. 195)

 

(घ) जहां किसी रेल कर्मचारी की उच्च रोड या श्रेणी से निम्न ग्रेड में अवनति हो, चाहे वह अवनति विशिष्ट अवधि के लिए हो या अनिश्चितकाल के लिए, निम्न ग्रेड में उसकी वरिष्ठता उस स्थान संदर्भ में नियत की जाए, जिसमें वह उस उच्च श्रेणी या श्रेणी में जिससे उसकी अवनति हुई है, पदोन्नति न पाने की दशा में हकदार होता। (प्राधिकारः आईआरईएम, 1989, पुनर्मुद्रित संस्करण 2009 का पैरा 322)

 

24 रेल इंजन कलपुर्जा कारखानों में सीधे भर्ती किए गए कर्मचारी

 

उन सभी व्यक्तियों, जिन्हें रेल इंजन कलपुर्जा कारखानों में सीधे भर्ती किया गया था, को 01.08.1961 से डीज़ल कलपुर्जा कारखानों में स्थानांतरित किया माना जाएगा, जिस तारीख को डीजल कलपुर्जा कारखानों की स्थापना की गई थी। डीज़ल रेलइंजन कलपुर्जा कारखानों में उस समय उनकी सापेक्ष वरिष्ठता नियत करने के लिए 01.08.1961 को उनके ग्रेड और उस ग्रेड में अनाकस्मिक सेवा अवधि को आधार माना जाएगा

 

(प्राधिकारः आईआरईएम वॉल्यूम का पैरा 323)

 

25. डीज़ल रेलइंजन कारखानों में सीधे भर्ती किए गए कर्मचारी

 

डीजल रेलइंजन कारखाने की स्थापना की तारीख को जो प्रशिक्षणार्थी और शिक्षु अपना प्रशिक्षण / शिक्षुता ले रहे थे उन्हें उसी रूप में लिया माना जाएगा और उनका प्रशिक्षण पूरा होने पर तथा प्रशिक्षण/ शिक्षुता के पूरा होने पर बनाई गई योग्यता सूची के आधार पर कार्यपद में आमेलन पर उनकी वरिष्ठता तय की जाएगी।

 

किसी पिछली तारीख को पैनल से डीज़ल रेलइंजन कारखाने में सीधे भर्ती किए गए प्रशिक्षणार्थियो और शिक्षुओं से भिन्न व्यक्ति किसी बाद की तारीख के पैनल से भर्ती किए गए व्यक्तियों से वरिष्ठ होंगे और एक ही पैनल से भर्ती के मामले में वरिष्ठता का अवधारणा योग्यता क्रम से व्यवस्थित पैनल में व्यक्तियों की स्थिति के आधार पर किया जाएगा। प्रशिक्षणार्थियों और शिक्षुओं के मामले में वरिष्ठता का अवधारणा प्रशिक्षण के समापन के समय बनाई गई योग्यता सूची के आधार पर किया जाएगा।

 

 (प्राधिकारः आईआरईएम वॉल्यूम। का पैरा 324)

 

26. रेलों अथवा उत्पादन इकाइयों से स्थानांतरित कर्मचारी

 

(1) रेल इंजन कलपुर्जा कारखानों में स्थानांतरित किए गए व्यक्तियों को 01.08.1961 से उसी ग्रेड में जिसमें वे अपनी मूल रेलवे में होते हुए यदि उनका स्थानांतरण न हुआ होता डीजल रेल इंजन कारखानों में स्थानांतरित किया गया माना जाएगा, उस ग्रेड में उस तारीख को उनके द्वारा धारित अनाकस्मिक सेवा अवधि उनकी सापेक्ष वरिष्ठता का अवधारण करेगी।

(2) किसी रेलवे/उत्पादन इकाई से 01.08.1961 को या उसके बाद लेकिन लिपिकवर्गीय कर्मचारियों के मामले में 01.04.1965 तक और तकनीकी तथा गैर-लिपिकवर्गीय कर्मचारियों के मामले में 01.01.1969 तक डीजल रेल इंजन कारखानों में स्थानांतरित किए गए व्यक्तियों को स्थानांतरण की तारीख को उनकी मूल रेलवे/उत्पादन इकाई में उनके द्वारा धारित रोड में स्थानांतरित किया माना जाएगा और उस ग्रेड में उनके दद्वारा की गई अनाकस्मिक सेवा अवधि के आधार पर डीजल रेल इंजन कारखानों में वरिष्ठता नियत की जाएगी।

 

(प्राधिकारः आईआरईएम वॉल्यूम का पैरा 325)

 

27 निर्माण/परियोजनाओं से स्थानांतरित कर्मचारी

 

(1) ऐसे व्यक्तियों की वरिष्ठता, जिन्हें किसी निर्माण/परियोजना से रेल इंजन कलपुर्जा कारखाने / डीज़ल रेल इंजन कारखाने में स्थानांतरित कर दिया गया हो और जिनका रेलवे/उत्पादन इकाई में किसी पद पर धारणाधिकार हो, उपर्युक्त नियम 25 में यथानिर्दिष्ट रीति से स्थानांतरण की तारीख को उनकी मूल रेलवे/उत्पादन इकाई में उनके द्वारा धारित स्थिति के आधार पर नियत की जाएगी।

 

(2) ऐसे व्यक्तियों को, जिन्हें किसी निर्माण/परियोजना से रेल इंजन कलपुर्जा कारखाने / डीज़ल रेल इंजन कारखाने में स्थानांतरित कर दिया गया हो और जिनका किसी रेलवे उत्पादन इकाई पर कोई धारणाधिकार न हो, उस कोटि, जिसमें रेल इंजन कलपुर्जा कारखाने / डीजल रेल इंजन कारखाने में कार्यग्रहण करने की तारीख को नियमानुसार सीधी भर्ती अनुज्ञेय हो, के निम्नतम ग्रेड में स्थानांतरित किया गया माना जाएगा। तत्पश्चात, उनके संबंध में उसी प्रकार कार्रवाई की जाएगी जिस प्रकार रेल कलपुर्जा/डीजल रेलइंजन कारखाने में सीधी भर्ती वाले व्यक्तियों के संबंध में की जाती है, देखें उपर्युक्त नियम 23 और 24 के तहत।

 

(प्राधिकारः आईआरईएम वॉल्यूम। का पैरा 326

28. रेल कर्मचारियों की वरिष्ठता सूची का अवलोकन करने की अनुमति

 

(क) रेल कर्मचारियों की उन वरिष्ठता सूचियों को देखने की अनुमति दी जा सकती है, जिनमें उनके नाम हों या यदि ऐसा करना सुविधाजनक न हो तो अनुरोध किए जाने पर उन्हें वरिष्ठता सूची में उनका स्थान बतलाया जा सकता है।

(ख) संबंधित कर्मचारियों को वरिष्ठता सूची प्रकाशित होने के एक वर्ष की अवधि के भीतर अपनी वरिष्ठता के संबंध में अभ्यावेदन देने की अनुमति दी जा सकती है। इस अवधि के बाद वरिष्ठता सूची में संशोधन के मामलों पर विचार नहीं किया जाना चाहिए।

 

(भारतीय रेल स्थापना नियमावली 1989, पुनर्मुद्रित संस्करण 2009 का पैरा 321)

 XVI सामान्य

 

(क) इस मास्टर परिपत्र का हवाला देते समय इसके उचित मूल्यांकन के उद्देश्य से इसमें उल्लिखित मूल पत्रों को पढ़ा जाए। यह परिपत्र मौजूदा अनुदेशों का एक समेकन मात्र है, इसे मूल परिपत्रों के बदले में नहीं समझा जाना चाहिए। कोई संदेह होने की स्थिति में मूल परिपत्र को प्रामाणिक मानकर इस पर भरोसा किया जाए।

 

(ख) जब तक मूल परिपत्र में विशेष रूप से अन्यथा उल्लेख न किया गया हो, तो संदर्भित मूल परिपत्रों में अंतर्विष्ट अनुदेश उनके जारी होने की तारीख से प्रभावी होंगे। पुराने मामलों पर कार्रवाई करते समय तत्समय लागू अनुदेशों का अनुपालन किया जाए; और

(ग) यदि इस विषय से संबंधित कोई ऐसा परिपत्र, जिसका अधिक्रमण नहीं किया गया है, इस मास्टर परिपत्र को तैयार करते समय छूट गया हो, तो इस प्रकार गलती से छूट गए उस परिपत्र को वैध और लागू माना जाए। इस तरह छूट गया कोई परिपत्र, यदि कोई हो, रेलवे बोर्ड के ध्यान में लाया जाए।

 

कृपया पावती दें।

 

डी जोसफ

(डी. जोसफ)

संयुक्त निदेशक स्थापना (एन) रेलवे बोर्ड

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